एसएसओ और 1 कांस्टेबल सस्पेंड, एक एएसआई, दो हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल लाइन हाजिर
जयपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक राजीव पचार ने जमवारामगढ़ थाने से भ्रष्टाचार की सूचना मिलने के बाद जमवारामगढ़ थाना प्रभारी कमल सिंह और कांस्टेबल प्रकाश को निलंबित कर दिया जबकि एक एएसआई, दो हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबलों को लाइन हाजिर कर दिया। पुलिस अधीक्षक राजीव पचार ने बताया कि इन पुलिसकर्मी को के खिलाफ अवैध रूप से शराब ट्रांसपोर्टेशन करने के मामले में पैसे लेने का आरोप था। शिकायत के बाद एसपी ने मामले की जांच वित्ताधिकारी शिवकुमार भारद्वाज कौ सौपी गई। जांच में दोषी पाए जाने के बाद एसपी ने एक आदेश जारी कर यह कार्यवाही की है। मामले की जांच कर रहे वृताधिकारी ने बताया कि 2 अप्रैल को हीरावाला स्थित शराब की दुकान से अवैध रूप से अंग्रेजी शराब भरकर लाने की सूचना मिली थी। सूचना के बाद जमवारामगढ़ थाना प्रभारी कमल सिंह और कॉन्स्टेबल प्रकाश पुलिस जाप्ते के साथ वहां पहुंचे। वहां पर अंग्रेजी शराब से भरी हुई पिकअप मिली। शराब से भरी पिकअप को पुलिस थाने ले आई लेकिन कार्यवाही करने के बजाय जमवारामगढ़ थाना प्रभारी ने उनसे पैसों के लेन-देन की बात कर शराब से भरी हुई गाड़ी को छोड़ दिया ।
मामले की जांच आगे बढ़ी तो धीरे-धीरे परते खुलती गई। वित्ताधिकारी ने बताया की अंग्रेजी शराब की दुकान हीरावाला के मालिक सुरज्ञान गुर्जर ने अपने पार्टनर की शराब की दुकान हटवाड़ा से अवैध रुप से शराब की बोतलें मंगवाई थी। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। लेकिन सुरज्ञान गुर्जर ने पुलिस को पैसों का लालच देकर मामले को वही रफा-दफा कर दिया। बाद में सुरज्ञान गुर्जर ने पिकअप में भरी शराब को एक दुकान से दूसरी दुकान तक ले जाने के नियमानुसार बिल्टी ली और बाद उसी ने पुलिस के उच्च अधिकारियों को थाना प्रभारी व अन्य के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत कर दी। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने रिश्वत के मामले में दोषी पाए जाने के बाद थाना प्रभारी कमल सिंह और कांस्टेबल प्रकाश को निलंबित कर दिया। इसके अलावा थाने में कार्यरत एएसआई लक्ष्मण सिंह गुर्जर हेड कांस्टेबल रोहिताश हेड कांस्टेबल हाथीराम कांस्टेबल रामकिशन और कांस्टेबल रामस्वरूप को लाइन हाजिर कर दिया।