ग्राम तिंवरी में कृषि भूमि पर कॉलोनी काटने का मामला: राज्य सरकार जेडीए और प्राइवेट पार्टी को नोटिस जारी
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश पुष्पेंद्र सिंह भाटी ने एक विविध याचिका की सुनवाई करते हुए ग्राम तिंवरी के खसरा संख्या 519 में कृषि भूमि पर बिना जेडीए से रूपांतरित करवाकर कॉलोनी काटने के मामले में जेडीए, राज्य सरकार एवं प्राइवेट पार्टीज को नोटिस देकर जवाब तलब किया है। साथ ही इस दौरान किसी भी प्रकार के थर्ड पार्टी राइट क्रिएट करने पर रोक लगाई है।
याचिकाकर्ता विशाल सिंह की ओर से अधिवक्ता फाल्गुन बुच ने याचिका दायर कर बताया कि ग्राम तिंवरी के खसरा संख्या 519 की जमीन उनकी पुश्तैनी एवं कब्जाशुदा है तथा इसमें पारिवारिक विवाद भी न्यायालय सहायक कलेक्टर ओसियां एवं सिविल न्यायालय जोधपुर में वर्तमान में विचाराधीन है। हाल ही में न्यायालय सहायक कलेक्टर ओसियां द्वारा भी इस प्रकरण में स्थगन दिया गया फिर भी कुछ प्राइवेट कॉलोनीइजर द्वारा कृषि भूमि को बिना जेडीए से भू रूपांतरित करवाए हुए प्रार्थी को बेदखल करने के उद्देश्य से वहां पर आवासीय कॉलोनी काटी जा रही है। इस पर न्यायालय ने राज्य सरकार, जेडीए एवं प्राइवेट पार्टीज को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। साथ ही उक्त जमीन के थर्ड पार्टी राइट क्रिएट करने पर भी रोक लगाई है।
पूर्व में भी लग चुकी है रोक
इस प्रकरण में खसरा संख्या 519 में पारिवारिक विवाद के चलते एक दावा सहायक कलेक्टर ओसियां में भी विचाराधीन है जिसमें न्यायालय सहायक कलक्टर ओसियां द्वारा भी अंतरिम स्थगन आदेश जारी किया हुआ है। बता दे कि ग्राम तिंवरी वर्तमान में जेडीए के क्षेत्राधिकार में आता है और यहां पर किसी भी प्रकार का आवासीय परियोजनार्थ कॉलोनी काटने के लिए कृषि भूमि को आवासीय परियोजनार्थ जेडीए से रूपांतरित करवाना होता है। जेडीए एक्ट एंड रूल्स के अनुसार कृषि भूमि को बिना आवासीय रूपांतरित किए अपने लेवल पर प्लॉट काटकर बेचना अवैधानिक है।