वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण पाकिस्तान की सीमा से उठ रहे डेजर्ट स्टोर्म व तूफानी वर्षा से पष्चिमी राजस्थान के खासकर जैसलमेर बाड़मेर जिलो को पूरी तरह तर बतर कर दिया हैं। और तो और जेष्ठ माह में सावन का नजारा नजर आ रहा हैं। इसी संदर्भ में सोमवार देर रात एक बार फिर आये जबरदस्त बवंडर के बाद जैसलमेर में बादल करीब 4.5 घंटे तक झूम के बरसे। रात 1.30 बजे शुरु हुई वर्षा का दौर सुबह 6 बजे तक चलता रहा। मौसम विभाग ने जैसलमेर में 77 एम.एम वर्षा रिकोर्ड की हैं जो राजस्थान में सबसे ज्यादा हैं। इससे पहले मई महीने में 110 वर्षा रिकार्ड की गई थी, इसको मिलाकर इस माह में 187 एम.एम पानी पड़ चुका हैं जबकि सामान्यतः एवरेज 165 एम.एम का हैं। वही दूसरी तरफ प्राचीन पेयजल स्त्रोत गड़ीसर झील पूरी तरह एक ही रात की बरसात में लबालब पानी से भर गई हैं व झील के मुख्य प्रवेष द्वार टीलो की प्रोल से पानी बाहर आ गया हैं, उधर बीती रात आये जबरदस्त तूफान व बरसात के कारण कई इलाको में दीवारे गिरने की जानकारी मिली हैं। पेड़ टूटे हैं व बड़ी संख्या में विद्युत विभाग के पोल ध्वस्त हुवे हैं। जिले के रामगढ़, पोकरण, फतेहगढ़, नोख, सम आदि में अच्छी बरसात होने की जानकारी मिली हैं।
असल में मिली जानकारी के अनुसार जैसलमेर में रात करीब 4 घंटे हुई तूफानी और तेज बारिश ने चिख्यात पर्यटन नगरी को खूब भिगोया। पूरे प्रदेश में पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा करीब 3 इंच पानी जैसलमेर में बरसा। वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से आई बरसात ने कई जगह नुकसान किया तो तापमान में भी गिरावट दर्ज की। भीषण गर्मी में तप रहे मई के महीने में जैसलमेर में सर्दी का एहसास करवाया है। बेमौसम बारिश से कई जगह नुकसान पहुंचा है। वहीं गड़ीसर लेक में बारिश से बढ़िया पानी की आवक हुई हंै।
सोमवार रात हुई तेज बारिश से शहर के कई निचले इलाकों में पानी आया। गांधी कॉलोनी में हिंगलाज मंदिर के पास और मंदिर में पानी भर आया। सुबह पुजारी ने मंदिर से पानी निकाला वहीं आस पास की दुकानों में भी पानी भर गया जिससे सामान खराब हुआ। दुकानदार का आरोप है कि हाल ही में सड़क निर्माण से सब गड़बड़ हुई है। सड़क की हाइट बढ़ जाने से ही पानी भर रहा है। जवाहिर हॉस्पिटल स्थित बिजली घर के जीएसएस में भी रात को करीब 3 फीट तक पानी भर गया। जीएसएस में पानी भरने से शहर में बिजली गुल रही। बिना बिजली के रात भर लोग परेशान हुए।
शहर स्थित तालरिया पाड़ा में एक बिजली का पोल टूट कर गिर गया। मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के पास और गड़ीसर लेक के अंदर दीवार टूट कर गिर गई। मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के पास रात को दीवार टूटने से उसके नीचे दबने से एक गाय घायल हो गई। बारिश से गड़ीसर लेक में पानी की आवक शुरू हुई। गड़ीसर लेक में प्रथम गेट तक पानी आने से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग काफी खुश हुए हैं। पर्यटन सीजन से पहले ही गड़ीसर लेक में बढ़िया पानी आ जाने से आगामी दिनो में बोटिंग का लुत्फ लेने वाले सैलानियों को काफी आनंद आएगा।
वही दूसरी तरफ जैसलमेर जिले के कई ग्रामीण अंचलो में जबरदस्त बरसात होने से तालाब व नाड़ियो आदि में अच्छे पानी की आवक हुई हैं। इससे पशु पालको व ग्रामीणो को पेयजल की समस्या से छुटकारा मिलने की उम्मीद हैं। जिले के ग्रामीण अंचलो में व्यापक वर्षा होने की जानकारी मिली हैं। इसके अलावा लगातार पिछले 3 दिनो से आ रहे रेतीले तूफान के कारण डिस्काॅम के नुकसान का आंकड़ा बढ़ता जा रहा हैं। अभी भी 400 से ज्यादा गांव ढाणियां अंधेरे में डूबी हुई हैं हालांकि विद्युत विभाग द्वारा उन्हें रिस्टोर करने के काफी प्रयास किये जा रहे हैं। सोमवार को विद्युत आपूर्ति बहाल करने के दौरान गौमट क्षेत्र में एक विद्युत कर्मी करंट की चपेट में आ गया जिसे गंभीर अवस्था में पोकरण अस्पताल में दाखिल कराया गया हैं।