तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन के दूसरे दिन एक ही मंच पर जुटे विभिन्न धर्म गुरु, समापन आज
जोधपुर। महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200वीं जन्म जयन्ती एवं जोधपुर आगमन व प्रवास के 140 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान एवं आर्य वीर दल राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में रेलवे सामुदायिक भवन डी-6 में चल रहे तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को विभिन्न समाजों के धर्म गुरु एक ही मंच पर जुटे। उन्होंने सामाजिक समरसता सम्मेलन में सद्भावना का संदेश दिया। कार्यक्रम में शहीद भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह भी पहुंचे। यहां मंच पर उनका सम्मान किया गया। दोपहर में बाद आर्य आर्य सन्यासियों की शोभायात्रा भी निकाली गई जिसका विभिन्न स्थानों पर पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।
अंतरराष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन के मीडिया प्रभारी विकास आर्य ने बताया कि महासम्मेलन के दूसरे दिन सामाजिक समरसता सम्मेलन कर आयोजन किया गया। इसमें सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा नई दिल्ली के प्रधान स्वामी आर्यवेश, भारतीय सर्वधर्म संसद के अध्यक्ष गोस्वामी सुशील महाराज, शहीदे आजम भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह, एमएमईएस चैयरमेन मोहम्मद अतीक, वल्र्ड पीस आर्गेनाइजेशन के सचिव मौलाना एआर शाहीन कासिम, गुरुद्वारा श्री गुरुसिंह सभा के हेड ग्रंथी ज्ञानी जयपाल सिंह, एसएचएम चर्च के रेवरेंट जितेन्द्र नाथ, सर्वधर्म संवाद के अध्यक्ष मनुसिंह सहित कई धर्म गुरु व हस्तियां मौजूद रही। सभी ने अपने विचार रखे। वक्ताओं ने कहा कि वेदों में कहीं भी भेदभाव नहीं किया गया है। जाति के आधार पर विभाजन किया गया है। ऋग्वेद के अंदर दस हजार 522 मंत्रों को एक हजार 28 सूक्तों में महिलाओं के नाम है, लेकिन विडंबना है कि अब कहा जा रहा है कि स्त्री और शुद्र वेद नहीं पढ़ सकते हैं। ये बाद के लोगों ने पाखंड फैलाया है। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद वैचारिक संवाद चाहते थे। हम भी चाहते हैं सभी धर्म समाज के लोगों के साथ प्रीति पूर्वक व्यवहार हो। इस धरती पर मानव के काम आएंगे तो इस धरती का भी उद्धार होगा। देश भी आगे बढ़ेगा। कार्यक्रम में आए वक्ताओं ने वेद और धर्म के साथ सभी के साथ प्रेमपूर्वक रहने की सीख दी। समारोह के दौरान सभी अतिथियों व देश-विदेश से आए आर्य सन्यासियों का स्वागत किया गया।
भगत सिंह के भतीजे का किया सम्मान
शहीदे आजम भगत सिंह के परिवार के सदस्य भतीजे किरणजीत सिंह संधु ने भी सम्मेलन में भाग लिया। उनका यहां सम्मान किया गया। किरणजीत सिंह संधु को मंच पर देखते ही माहौल में जोश भर गया। युवाओं ने शहीदे आजम भगत सिंह के जयघोष लगाने शुरू कर तालियों की करतल ध्वनि से उनका स्वागत किया। उनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए युवाओं में होड़ लगी रही। वे नौजवानों के बीच आकर्षण का केंद्र दिखे।
आर्य सन्यासियों ने निकाली शोभायात्रा
दोपहर बाद ओल्ड कैंपस के पास स्थित महर्षि दयानंद सरस्वती स्मृति भवन के बाहर से शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा मोहनपुरा पुलिया, सोजती गेट, पुरी तिराहा, रेलवे स्टेशन, जालोरी गेट चौराहा आदि विभिन्न मार्गो से गुजरी। इस दौरान जालोरी गेट युवा ग्रुप, रेलवे यूनियन, सोजती गेट व्यापारी संगठन सहित विभिन्न संगठन व सामाजिक संस्थाओं द्वारा पुष्प वर्षा से जगह-जगह शोभायात्रा का स्वागत किया गया। सम्मेलन का समापन 28 मई को संकल्प व सम्मान समारोह व शांति पाठ से होगा।