जोधपुर। मोहनपुरा पुलिया के पास स्थित महर्षि दयानंद सरस्वती स्मृति भवन न्यास में चल रहे बालिका व्यक्तित्व निर्माण और व्यायाम प्रशिक्षण शिविर में 125 बालिकाओं को जनेऊ संस्कार की दीक्षा प्रदान की गई।
शिविर में बताया गया कि माता सीता और माता रुक्मणी भी जनेऊ धारी थी। ऋषि दयानंद ने भी बालिकाओं को भी जनेऊ संस्कार कराने का विधान वेदानुकूल बताया था। भारत के सभी आर्ष गुरुकुल में बालिकाओं को जनेऊ धारण कराया जाता है जिससे जनेऊ धारण करने वाले व्यक्ति को जनेऊ यह याद दिलाता रहेगा कि जो ऋण व्यक्ति के ऊपर मनुष्य जीवन में है उसको उतराना अनिवार्य है। इसमें पहला माता पिता, दूसरा गुरु और तीसरा ऋण समाज व राष्ट्र का है। यह ऋण उतारना जरूरी है।
2023-05-22