डीओआईटी के जॉइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव तीन दिन एसीबी रिमांड पर है। रविवार को हुई पूछताछ में एसीबी को तीन प्रोपर्टी के बारे में जानकारी मिली है। एसीबी की टीम ने देर रात तक वेद प्रकाश के कार्यालय सहित तीन अलग-अलग जगहों पर सर्च की। वेद प्रकाश को पहले एसीबी की टीम योजना भवन लेकर गई। यहां एसीबी के अधिकारियों ने उसके चैम्बर से कई दस्तावेज उठाए।
इस दौरान सरकारी कम्प्यूटर सहित वेद प्रकाश के इलेक्ट्रोनिक उपकरणों को सीज किया गया। अब तक की पूछताछ में वेद प्रकाश यादव ने कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है। इस आधार पर एसीबी की टीम योजना भवन सहित कुछ प्राइवेट लोगों को पूछताछ के लिए बुला सकती है।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जाएंगे एफएसएल
प्रारम्भिक पूछताछ में वेद प्रकाश ने एसीबी को अपने निजी संपत्ति की जानकारी दी है। जब वेद प्रकाश से मोबाइल ,लैपटॉप, आई फोन को खोलने की बात कही तो इनकार कर दिया। इस पर एसीबी अब इन सभी उपरणों की जांच करने के लिए एफएसएल भेजेगी। इससे पता चल सकेगा की आरोपी ने इन मोबाइल में क्या डाटा सेव किया हुआ है। तीन मोबाइल, दो लैपटॉप र एक हार्ड डिस्क एफएसएल भेजी जाएगी।
टेंडर लेने वाली कम्पनियां के प्रतिनिधियों की ली गई जानकारी
दरअसल, एसीबी के अधिकारी कल देर रात तक वेद प्रकाश यादव के साथ उनके ऑफिस में सर्च कर रहे थे। इस दौरान 5 साल में जिन कम्पनियों के साथ डीओआईटी की डील हुई है। उनकी जानकारी ली है। साथ ही एसीबी जल्द इन कम्पनियों को लैटर लिख कर पूछताछ के लिए बुलाएगी। रात को एसीबी ने देव प्रकाश के कैबिन सहित उन कमरों की भी जांच की, जिनका कंट्रोल वेद प्रकाश के पास था। एसीबी को शक था कि अन्य बंद आलमारियों में भी उन्हें कुछ मिल सकता है।
सीएम कर रहे पूरे मामले की मॉनिटरिंग
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वेद प्रकाश यादव के प्रकरण में कहा- जब उन्हें इसकी जानकारी मिली वह बेंगलुरु में थे। जानकारी मिलने के बाद सीएस, डीजीपी को आदेश दिया कि वह इसकी जानकारी मीडिया के साथ साझा करें। इसकी जांच सीनियर अधिकारियों के सुपरवीजन में होनी चाहिए। जांच में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए। सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही हैं। यही कारण है कि उनके सरकार में 68 भ्रष्ट अफसर पकड़े गए।