जयपुर, 15 मई (ब्यूरो): ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने सोमवार को विद्युत भवन में उच्च स्तरीय बैठक लेकर राज्य में बिजली की स्थिति और बजट घोषणाओं की क्रियान्विति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्पादन निगम में मई में औसत बिजली उत्पादन 5444 मेगावाट है तथा कोयले की खपत लगभग 90 हजार मैट्रिक टन (23 रेक प्रतिदिन) है। उन्होंने कोयले की कमी को दूर करने के लिए कोल इंडिया, छत्तीसगढ़ प्रशासन एवं रेलवे से निरंतर संपर्क में रहने तथा घरेलू कोयले के साथ 6 प्रतिशत आयातित मिलाने के लिए जल्द ही कोयला आयात करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आयातित कोयले की खरीद के तहत 3.38 लाख मैट्रिक टन आयातित कोयले की खरीद जल्द हो ताकि जून से 2 रैक प्रतिदिन 40 दिनों तक प्राप्त होगी।
बैठक में प्रमुख शासन सचिव, ऊर्जा विभाग एवं चेयरमैन डिस्कॉम्स भास्कर ए सावंत, विद्युत प्रसारण निगम के सीएमडी आशुतोष ए.टी. पेडणेकर, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आरके शर्मा, ऊर्जा सलाहकार एके गुप्ता, प्रबंध निदेशक राजस्थान ऊर्जा विकास निगम एमएम रणवा, संयुक्त शासन सचिव ऊर्जा विभाग अर्तिका शुक्ला, विद्युत निगमों के निदेशक, मुख्य अभियन्ताओं सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में प्रसारण निगम से संबंधित बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन, निर्माणाधीन 220 एवं 132 केवी जीएसएस की प्रगति, अक्षय ऊर्जा निकासी से संबंधित योजनाओं, ट्रांसफार्मर आग्युमेंटेशन एवं जीआईबी क्षेत्र में पडऩे वाली ट्रांसमिशन लाइनों की सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति से स्वीकृति के मामलों की समीक्षा की गई। इस दौरान उन्होंने राज्य में निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने के लिए हरसम्भव प्रयासों पर चर्चा की।
इसमें उत्पादन निगम के सीएमडी ने बताया कि बजट घोषणा वर्ष 2022-23 की घोषणानुसार 2245 मेगावाट क्षमता की 3 परियोजनाएं छबड़ा अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल परियोजना में 1320 (660 प्रत्येक) मेगावाट की इकाई 7 एवं 8, कालीसिंध अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल परियोजना में 800 मेगावाट की इकाई 3 एवं गुढ़ा लिग्नाईट आधारित विद्युत परियोजना में 125 मेगावाट की इकाई 1 स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। बीकानेर के पूगल में 2000 मेगावाट सोलर पार्क के लिए भूमि आवंटन एवं कब्जा प्राप्त करने के उपरांत 810 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए कार्य शुरू किया जाएगा।