उदयपुर, 15 मई(ब्यूरो)। एनआरआई की बेशकीमती जमीन की सौदेबाजी और घूसखोरी के मामले में तीन महीने से न्यायिक हिरासत में चल रहे निलंबित उप अधीक्षक जितेंद्र आंचलिया की राजस्थान हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत मिल गई है।
सोमवार को राजस्थान हाईकेार्ट की मुख्य पीठ जोधपुर में आरोपी जितेंद्र आंचलिया और उनके सहयोगी मनोज श्रीमाली की जमानत अर्जी को लेकर सुनवाई हुई थी। जिसके बाद दोनों को सशर्त रिहाई के आदेश अदालत ने जारी कर दिए। साथ ही दोनों को अपने—अपने पासपोर्ट विचारण न्यायालय में जमा कराने के आदेश भी दिए।
आंचलिया के वकील ने कहा, एसआई रोशनलाल है दोषी
आंचलिया के वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि इस मामले में आंचालिया का कोई लेना—देना नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पूरी तरह सुखेर के तत्कालीन थानाधिकारी रोशनलाल पटेल का हाथ है, जो इसी मामले में आंचलिया के साथ ही न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं। जबकि एसीबी ने आंचलिया के वकील के तर्क का पूरी तरह विरोध किया। एसीबी का कहना था कि एनआरआई की जिस जमीन का बेचान गलत तरीक से किया गया, उसके कागजात खुद आंचलिया ने अपने लेख से तैयार किए। उन्होंने आंचलिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया था इस मामले में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है और उनकी रिहाई केस को प्रभावित कर सकती है। हालांकि हाईकोर्ट जज ने जमानत याचिका मंजूर करते हुए यह भी आदेश दिए कि वह किसी तरह केस और केस से जुड़े लोगों को प्रभावित नहीं करेंगे।
उल्लेखनीय है कि एसीबी ने भ्रष्टाचार के आरोप में 10 फरवरी को डीएसपी जितेंद्र आंचलिया, सुखेर थाने के तत्कालीन थानाधिकारी रोशनलाल पटेल, भूमि दलाल मनोज श्रीमाली और रमेश राठौड़ को गिरफ्तार किया था।
2023-05-15