उदयपुर यूआईटी भी बिना दलाली से अछूती नहीं

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दलाल लोकेश ने किया खुलासा, आडियो भी सामने आया

उदयपुर, 15 मई(ब्यूरो)। नगर विकास प्रन्यास(यूआईटी)उदयपुर में दलाल और दलाली दोनों हावी हैं। इसका खुलासा पुलिस पूछताछ में 12 लाख की घूस लेते गिरफ्तार दलाल लोकेश जैन ने किया है। लोकेश और यूआईटी के असिस्टैंड अकाउंट्स आफिसर(डबल एओ) लक्ष्मण चौधरी के बीच दलाली को लेकर हुई बातचीत का आॅडियो सामने आया है।
एसीबी ने दलाल लोकेश, परिवादी देवीलाल और यूआईटी के एएओ लक्ष्मण चौधरी के बीच बातचीत के आॅडियो मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि इसकी जांच की जा रही है। जिसमें तीनों के बीच हुई बातचीत से जाहिर होता है कि यूआईटी उदयपुर में भी दलाल और दलाली दोनों सक्रिय हैं। हालांकि अभी तक एसीबी ने डबल एओ लक्ष्मण चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है। जबकि खुद लक्ष्मण चौधरी खुद पर लगे आरोपों को नकार चुके हैं। उनका कहना है कि वह दसबसे मिलते-जुलते हैं, बात करते हैं। हो सकता कि परिवादी के आग्रह पर मैंने लोकेश को मदद के लिए कहा हो।

सौदेबाजी यूआईटी में ही हुई
एसीबी की जारी जांच से पता चला है कि पिछले दिनों एसीबी की कार्रवाई में स्वायत्त शासन, नगरीय विकास एवं आवासन विभाग(यूडीएच) के अधिकारियों के नाम 12 लाख रुपए की घूस लेते उदयपुर से गिरफ्तार दलाल लोेकेश जैन ने दलाली के लिए सौदेबाजी उदयपुर नगर विकास प्रन्यास से ही की थी। यूआईटी के डबल एओ के दफ्तर से दलाल ने 25 लाख रुपए में काम कराने के बात कहते हुए दस लाख रुपए की रिश्वत अग्रिम मांगी थी। एसीबी की जांच में यह भी सामने आया है कि डबल एओ गुर्जर घूस मामले के परिवादी देवीलाल को साल 2019 से जानते हैं।

घूसकांड में पीएस-जेएस भी नामजद
एसीबी ने बताया कि 12 लाख रुपए की घूसकांड में गिरफ्तार लोकेश जैन से हुई बातचीत के बाद यूडीएच के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा और संयुक्त सचिव मनीष गोयल के अलावा उदयपुर के मामले देखने वाले अनुभाग अधिकारी हरिमोहन मीणा को भी नामजद किया गया है। उदयपुर के देवीलाल चौधरी ने ढीकली स्थित अपनी पैतृक भूमि पर रिसोर्ट बनाने तथा बीच में आई सरकारी जमीन को अलॉट कराने के लिए यूडीएच में फाइल लगाई थी। जिसकी मंजूरी के लिए दलाल लोकेश जैन ने देवीलाल से यूडीएच अधिकारियों के अधिकारियों के नाम पर 12 लाख रुपए की घूस ली थी। जिसे जयपुर एसीबी की टीम ने पिछले सप्ताह रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

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