जयपुर, 13 मई : सचिन पायलट द्वारा की जा रही जनसंघर्ष यात्रा को राजस्थान के कोने कोने से भारी समर्थन मिल रहा है क्योंकि उन्होंने जो मुद्दे उठाए हैं वे न केवल जनता के दिल को छूने वाले हैं बल्कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की लंबे राजनीतिक जीवन की विश्वसनीयता को चुनौती देने वाले भी हैं। चूंकि वसुंधरा सरकार के समय सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों ने ही खान घोटाले, कालीन घोटाले सहित भू माफिया, शराब माफिया, बजरी के अवैध खनन के आरोप लगाए थे और अशोक गहलोत ने तो अनेक बार प्रेसवार्ता करके इन मुद्दों को उछाला तो जरूर परंतु सत्ता में आते ही चुप्पी साध ली।
अब 6 महीने बाद जब नरेंद्र मोदी प्रचार करने राजस्थान आएंगे तो जनता को बोलेंगे कि हमारी सरकार पर झूठे आरोप लगाकर कांग्रेस सत्ता में आई थी क्योंकि वसुंधरा राजे से एक बार भी पूछताछ नहीं की, तब कांग्रेस के लिए बगलें झांकने वाली स्थिति हो जाएगी। इसी विश्वसनीयता के संकट से अशोक गहलोत जूझ रहे हैं और कांग्रेस नेतृत्व की चुप्पी का रहस्य भी समझ से परे है क्योंकि कर्नाटक में कांग्रेस का मुद्दा ही भ्रष्टाचार था। पायलट भ्रष्टाचार और नौजवानों के रोजगार को लेकर जो यात्रा निकाल रहे हैं उसको समर्थन मिलने का एक कारण यह भी है कि राजस्थान में 25 साल से गहलोत-वसुंधरा की ही सरकारें बनने से लोग उकता गए है और सामने पायलट जैसा प्रखर, स्पष्टवादी, ऊर्जावान, साफ सुथरी राजनीति करने वाला युवा नेता दिखाई दे रहा है।
2023-05-14