-वीनू गुप्ता बनी चीफ सेक्रेट्री तो प्रदेश के इतिहास में पहली बार होगा पति-पत्नी इस पद पर पहुंचे
जयपुर, 10 मई : प्रदेश की चीफ सेके्रट्री की कुर्सी को लेकर इस समय आईएएस के बीच लामबंदी का दौर शुरू हो गया है। वरिष्ठ से लेकर कई जूनियर आईएएस भी इस कुर्सी पर काबिज होने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं। वर्तमान चीफ सेक्रेट्री उषा शर्मा 30 जून को रिटायरमेंट हो रहीं हैं और इसी के चलते अधिकारियों के बीच रस्साकशी का खेल शुरू हो गया है। सभी अपनी-अपनी पहुंच के अनुसार इस पद पर काबिज होने की कोशिश में लगे हुए हैं। हालांकि फिलहाल वीने गुप्ता रेस में सबसे आगे चल रहीं हैं। यदि वह इस पद पर काबिज हुईं तो दो रिकॉर्ड बनेंगे। एक तो देश में राजस्थान संभवत : ऐसा पहला राज्य होगा जहां तीन महिला आईएएस चीफ सेक्रेट्री बनी। वहीं यह पहला राज्य होगा जहां पति-पत्नी दोनों इस पद पर काबिज हुए।
वर्तमान चीफ सेक्रेट्री उषा शर्मा के बाद वीनू गुप्ता सीनियरटी में दूसरे नंबर पर हैं। 1987 बैच की वीनू का रिटायरमेंट 31 दिसंबर 2023 में हेाना है। यानि विधानसभा चुनाव के बाद भी वह इस पद पर बनी रहेंगी। इसके बाद वर्ष 1988 बैच के आईएएस सुबोध अग्रवाल आते हैं और वह भी चीफ सेक्रेट्री के लिए दावेदारी कर रहे हैं। उनका रिटायरमेंट दिसंबर 2025 में होना है। पहले भी अग्रवाल ने हाथ-पैर मारे थे लेकिन सफल नहीं हुए थे। इस बार फिर वह जुगत लगा रहे हैं। हालांकि वह सीएम के भी करीबी हैं और उनके पास पावरफुल विभाग हैं। बैच 1989 की आईएए व चीफ रेजिडेंट कमिश्नर शुभ्रा सिंह पांचवे नंबर पर हैं और उनका रिटायरमेंट वर्ष 2026 में हैं। हालांकि वह दिल्ली में राजस्थान की चीफ रेजिडेंट कमिश्नर हैं। 1989 बैच के आईएएस राजेश्वर सिंह जो कि वर्तमान में राजस्व बोर्ड अजमेर के चेयरमैन है वह भी इस दौड़ में बताए जाते हैं। हालांकि वह करीब एक साल से सचिवालय से बाहर हैं।
प्रतिनियुक्ति वाले भी सक्रिय
बताया जाता है कि प्रदेश के आईएएस केवी श्रीनिवास, रोहित कुमार सिंह, संजय मल्होत्रा, सुधांश पंत, अभय कुमार, रजत कुमार इस समय प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में पदस्थ हैं। यह भी चीफ सेक्रेट्री की दौड़ में हैं लेकिन खुलकर कोई भी इस बारे में बोलने को तैयार नहीं है।
एक्सटेंशन पर संशय
यदि राज्य सरकार उषा शर्मा को एक्सटेंशन देने की कोशिश करे तो छह माह ओर वह चीफ सेक्रेट्री की कुर्सी पर रह सकती हैं। हालांकि एक्सटेंशन के लिए गेंद केंद्र के पाले में होगी। वैसे भी एक्सटेंशन बहुत कम मिलती है। इसके पहले एनसी गोयल व राजीव स्वरूप की एक्सटेंशन की फाइल केंद्र रिजेक्ट कर चुका है।
पति के बाद पत्नी चीफ सेक्रेट्री की दौड़ में
वीनू गुप्ता के पति डीबी गुप्ता वसुंधरा राजे सरकार में चीफ सेक्रेट्री थे। इसके बाद वह गहलोत सरकार में भी इसी पद पर रहे हैं। गहलोत के करीबी होने के कारण वह उनके सलाहकार रहे फिर मु?य सूचना आयुक्त बने। वीनू यदि चीफ सेक्रेट्री बनी तो यह पहला मौका होगा जब पति-पत्नी दोनों इस शीर्ष पद तक पहुंचे।
एक्सपर्ट की राय
एक्सपर्ट एवं पूर्व आईएएस पीसी मीणा की माने तो उनका कहना है कि आठ-दस अफसर की सीनियरिटी लिस्ट से नाम तय करती है। मेरिट से छेड़छाड़ संभव नहीं है। हालांकि सीएम की गुड बुक में होना भी जरूरी है। वैसे टॉप फाइव में से ही कोई इस पद तक पहुंच सकता है।
गहलोत ने महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पेश किया
गहलोत ने उषा शर्मा के पहले वर्ष 2009 में कुशल सिंह को चीफ सेक्रेट्री बनाकर यह भ्रम तोड़ा था कि इस कुर्सी पर पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी पहुंच सकती है। 2022 में दूसरी महिला आईएएस उषा को इस कुर्सी पर बैठाया। गहलोत महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पेश करते हुए हो सकता है कि इस बार फिर वीनू गुप्ता के नाम पर मुहर लगा दें।