भारत में नहीं दिखा उपच्छाया चन्द्र ग्रहण, इस साल का पहला चन्द्र ग्रहण हुआ, सूतक भी नहीं लगा

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जोधपुर। वैशाख पूर्णिमा पर आज साल का पहला चन्द्रग्रहण हुआ। यह रात आठ बजकर 44 मिनट से मध्यरात्रि तक ग्रहण होता हुआ नजर आया। यह मांद्य (उपच्छायी) चन्द्रग्रहण था, यानी चन्द्रमा धुंधला होता दिखाई दिया। हालांकि भारत में इसका असर नहीं हुआ, यह सिर्फ खगोलीय घटना मात्र रही। इसका सूतक भी नहीं लगा।
इस साल कुल चार ग्रहण लगने वाले हैं, जिसमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे। साल का पहला सूर्य ग्रहण हो चुका है। वहीं साल का पहला उपच्छाया चंद्र ग्रहण आज लगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई दिया, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं था। यह चंद्र ग्रहण यूरोप, सेंट्रल एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत अटलांटिक और हिंद महासागर में देखा गया। यह एक खगोलीय घटना मानी गई है। जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है, तो चंद्रग्रहण होता है।
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि पौराणिक मान्यता है कि पूर्णिमा की रात जब राहु और केतु चंद्रमा को निगलने की कोशिश करते हैं, तब चंद्र ग्रहण लगता है। साल का पहला चंद्रग्रहण मंगल बुध के राशि परिवर्तन योग के बीच हुआ है। चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा तुला राशि में थे, इसलिए चंद्रग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव प्रतिकूल रूप में तुला और मेष राशि पर देखा जाएगा। इनके अलावा यह चंद्रग्रहण वृश्चिक, वृष, कर्क और कन्या राशि वालों के लिए अशुभ फलदाई रहेगा। इन राशियों को चंद्रग्रहण के 15 दिनों के बीच काफी तनाव और परेशानियों का सामना करना होगा। वहीं मिथुन, सिंह, धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि के लिए लगने वाला चंद्रग्रहण कुल मिलाकर शुभ फलदायी रहेगा। मिथुन राशि के जातकों को चंद्र ग्रहण के बाद लाभ का अवसर मिलेगा। मीन राशि के जातकों को धन का लाभ मिलेगा लेकिन पिता की सेहत और बच्चों को लेकर तनाव हो सकता है।

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