जयपुर, 4 मई। राजस्थान हाईकोर्ट ने बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक पद पर चयन के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और जिला शिक्षा अधिकारी, कोटा सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने अभ्यर्थी को कंप्यूटर अनुदेशक पद पर नियुक्ति और पदस्थापन करने के अंतरिम आदेश दिए हैं। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश कपिल चौधरी की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2022 में बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक के पदों पर भर्ती निकाली थी। जिसमें याचिकाकर्ता का चयन हुआ था। इस पर विभाग की ओर से उसे काउंसलिंग के लिए बुलाया गया। अपील में कहा गया कि गत अप्रैल माह में हुई काउंसलिंग के दौरान उसकी ओर से भरे गए विस्तृत आवेदन पत्र भरा गया। जिसमें याचिकाकर्ता ने उसने कोई तथ्य नहीं छिपाया था। ऐसे में विभाग की ओर सेे नियुक्ति पत्र जारी करने के बाद वह कोटा में पदस्थापन के लिए पहुंचा, लेकिन प्रिंसिपल ने उसे यह कहते हुए कार्य ग्रहण नहीं कराया कि उसके खिलाफ घरेलू हिंसा को लेकर एफआईआर दर्ज है। याचिका में कहा गया कि उसका अपनी पत्नी से तलाक हो चुका है और उसने सभी तथ्यों की जानकारी विभाग को दे दी थी। ऐसे में उसे नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए अभ्यर्थी को नियुक्ति और पदस्थापन करने के आदेश दिए हैं।
2023-05-04