दौसा, 4 मई: समलैंगिक विवाह को लेकर दोसा शहर में आज मातृशक्ति विरोध स्वरूप कलेक्ट्रेट पहुंची और भारत सरकार के नाम दिया गया। शहर की महिलाओं ने जिला कलेक्ट्रेट में पहुंचकर सीजेआई के नाम ज्ञापन दिया जिसमें महिला जागृति समूह मातृशक्ति राष्ट्रीय सेविका समिति दुर्गा वाहिनी की महिलाओं ने कहा कि समलैंगिक विवाह हमारे देश की संस्कृति के विरुद्ध है। समूह की संयोजिका श्रीमती पुष्पा डगायच ने कहा कि समलैंगिक विवाह भारतीय विवाह संस्कार पर आघात है। भारत में विवाह दो व्यक्ति और दो परिवारों के बीच एक सामाजिक धार्मिक और सांस्कृतिक मिलन है समलैंगिक विवाह के अनेक नकारात्मक प्रभाव हैं। इसे मान्यता देने से सांस्कृतिक मूल्यों का हनन होगा।
समूह में उपस्थित रेनू चौधरी एडवोकेट ने कहा कि भारत के सामाजिक ढांचे में विवाह एक पवित्र संस्कार है और उसका उद्देश्य मानव जाति का उत्थान है इसमें पुरुष और महिला के मध्य विवाह को मान्यता दी गई है। महिलाओं का कहना था कि यदि समलैंगिक विवाह को मान्यता मिली तो यह भारत की संस्कृति को समाप्त करेगा। भारत में जिस प्रकार से सामाजिक ताना-बाना है उस ताने-बाने पर उन सभी संबंधों पर कुठाराघात करेगा और जो सामाजिक हमारी व्यवस्था है जो कि पूरे विश्व में प्रचलित है वह वही पाश्चात्य करण की तरफ चली जाएगी और हमारे यहां जो मानवता है वह नष्ट हो जावेगी। इस अवसर पर श्रीमती पुष्पा डगायच, रेनू चौधरी एडवोकेट श्रीमती संगीता खंडेलवाल, श्रीमती सुधा, श्रीमती जाखड़, मीना गुप्ता, राधा शर्मा, डॉ अर्चना शर्मा, आरती मीणा, बबीता बंसीवाल, माया गुर्जर आदि उपस्थित थे।
2023-05-04