बच्चों की पुकार : पार्क में कब लगेंगे नए झूले,अफसरों की सुस्ती से जेडीए के 180 पार्क बदहाली का शिकार

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जयपुर, 3 मई (ब्यूरो): शहर के पार्कों के संधारण पर जयपुर विकास प्राधिकरण सालाना लाखोंं रुपए खर्च करता हैं। इसके बावजूद पार्कों में सुविधाओं का अभाव हैं। ऐसा ही एक नजारा जवाहर सर्किल पार्क में देखने को मिला। यहां बुजुर्गों, दिव्यांगों और महिलाओं के बैठने के लिए कुर्सियां तक नहीं हैं। पार्क के एक कोने में बच्चों के लिए झूले, फिसलन पट्टी, रैंप सहित अन्य मनोरंजन के साधन लगाए हुए हैं, जो अब टूट चुके हैं। रोजाना यहां बच्चे खेलने आते है और घायल होकर घर जाते हैं। मंगलवार को दो बच्चे टूटे हुए झूले से गिरने से घायल हो गए थे। गनीमत रही कि बच्चों के परिजन भी साथ थे वे तुरंत उन्हें अस्पताल लेकर गए। ऐसा नजारा यहां रोजाना होता हैं। मगर जेडीए की उद्यान शाखा के अफसरों को यह नजर नहीं आता हैं। जबकि जेडीए द्वारा जवाहर सर्किल पार्क के सौंदर्यीकरण पर 44 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। वहीं जवाहर सर्किल पार्क के झूले, फिसलन पट्टी, रैंप आदि बरसों से टूटे पड़े हैं। पार्क का संधारण करने वाले ठेकेदार शंभू गुप्ता ने बताया कि गार्डनिंग का काम सही हैं, सिविल का काम कमजोर हैं। इस ओर कोई ध्यान हीं नहीं देता, जबकि कई बार समस्या से अवगत करवा चुके हैं।

लाखों खर्च होने के बाद भी सुविधाओं का अभाव
जयपुर शहर में जेडीए के क्षेत्राधिकार में करीब 180 पार्क आते हैं। इन पार्कों का सारा काम-काज ठेके पर हैं। इसलिए जेडीए अफसर यहां आकर देखते तक नहीं। इसलिए अब पार्क बदहाली के कगार पर हैं। जेडीए के पार्कों में हरियाली के अलावा अन्य सुविधाओं का अभाव हैं। छोटे पार्कों में झूले, कुर्सियां, सुलभ कॉम्पलेक्स नहींं हैं। ना ही यहां गार्ड तैनात हैं। जबकि जेडीए सालाना इन पार्कों पर लाखों रुपए खर्च करता हैं।

टूटे झूलों व रैंप से बच्चे हो जाते हैं घायल
बढ़ते शहरीकरण में लोगों के पास घूमने-फिरने व बच्चों के मनोरंजन के लिए पार्क ही बचे हैं। लेकिन इन पार्कों में टूटे हुए झूलों को देखकर बच्चों का मन उदास हो जाता हैं। वे बड़ी उम्मीद से पार्क में झूला झूलने आते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि टूटे हुए झूलों और रैंप से बच्चे घायल होकर घर जाते हैं। बीते कुछ महीनों से जवाहर सर्किल के पार्क के झूलों की चेन, पाइप और सीट टूटी पड़ी हैं। बच्चे जुगाड़ कर उन्हें जोड़ कर झूला झुलते हैं। फिसलन पट्टी के बीच में चदर टूटा हुआ हैं। इसलिए अब परिजन बच्चों को पार्क लाने से डर रहे हैं। जगतपुरा निवासी सुरेश ने बताया कि पिछले सप्ताह बच्चों ने पार्क जाने की जिद की तो उन्हें जवाहर सर्किल पार्क लेकर आया। काफी देर घूमने के बाद बच्चे झूला झूलने गए तो वे टूटे हुए थे। उदास मन से बच्चे वापस आ गए। वहां मौजूद गार्ड ने बताया कि काफी दिन से ऐसे ही हाल है यहां कोई नहीं सुनता। कोई मंत्री या बड़ा अफसर आएगा तो रातों-रात सुधार हो जाएगा।

टेंडर हो गया है, इस महीने में चेंज होंगे झूले : शर्मा
जेडीए की गार्डन शाखा के अधिशासी अभियंता हेमेंद्र शर्मा ने बताया कि जवाहर सर्कल पार्क के झूले को बदलने के लिए टेंडर हो गया हैं। इस महीने के आखिरी तक झूले चेंज हो जाएंगे।

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