RAJASTHAN NEWS: आदिवासियों के लिए गहलोत की बड़ी घोषणा, अब राजस्थान का पानी नहीं जाएगा गुजरात

Share:-

उदयपुर, 3 मई(ब्यूरो)। राजस्थान के मेवाड़ और बागड़ के आदिवासियों की वर्षों से लंबित मांग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूरा करने जा रहे हैं। अपने जन्मदिन पर मुख्यमंत्री गहलोत ने आदिवासियों के हित में कई घोषणाएं की, जिनमें सबसे अहम है कि राजस्थान के बांधों का पानी अब गुजरात नहीं जाएगा। इसके अलावा उन्होंने आदिवासी क्षेत्र में नए स्वास्थ्य भवन खोले जाने के भी घोषणा की है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कोटड़ा क्षेत्र में आदिवासियों की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सोच है कि राजस्थान का पानी बहकर गुजरात नहीं जाए। यहीं का पानी यहीं के आमजन के पीने तथा किसानों को सिंचाई के लिए काम आए। उन्होंने इस काम में शुरू किए जा रहे बांधों की योजनाओं में आमजन का भी सहयोग मांगा।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कोटड़ा क्षेत्र में प्रस्तावित नए बड़े बांधों के निर्माण को लेकर विवाद की स्थिति को लेकर कहा कि वह चाहते हैं कि राजस्थान के पानी का उपयोग राजस्थानी ही करें। अभी तक कोटड़ा क्षेत्र का समूचा पानी गुजरात बह जाता है। जिसका उपयोग यहां के आदिवासी नहीं कर पाते। इसीलिए उन्होंने नए बांधों के निर्माण की योजना बनाई ताकि राजस्थान का पानी यहां रोका जा सके तथा उसका उपयोग पेयजल के अलावा सिंचाई के उपयोग में यहां का आदिवासी कर पाए। उन्होंने कहा कि आमजनता को भी इस काम में मदद करनी होगी।
आदिवासी क्षेत्र में नए स्वास्थ्य केंद्र और पुलिस चौकियां खोली जाएंगी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आदिवासियों की चिकित्सा एवं सुरक्षा से जुड़़े मुद्दे पर कहा कि आदिवासी क्षेत्र में चिकित्सा सेवाएं विकसित किए जाएंगे तथा नई पुलिस चौकी खोली जाएंगी। उन्होंने जिला कलक्टर ताराचंद मीणा को कहा कि उनके जयपुर पहुंचने से पहले वह नए सामुदायिक स्वास्थ्य भवन तथा नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को खोलने के बारे में उनका प्रस्ताव भेजे। उन्होंने वादा किया कि इसी महीने स्वास्थ्य सेवाओं के विकास तथा पुलिस चौकी की स्थापना का काम पूरे हो जाएंगे।
देवला को पंचायत समिति बनाया, जसवंतगढ़ में पीएचसी की घोषणा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटड़ा उपखंड के देवला गांव को पंचायत समिति बनाए जाने की घोषणा कार्यक्रम के दौरान कर दी। जिसको लेकर आदिवासियों ने बताया था कि कोटड़ा पंचायत की दूरी पचास किलोमीटर है, जिसके चलते उनके काम नहीं हो पाते। इसी तरह आदिवासियों ने जब जसवंतगढ़ में अस्पताल खोले जाने की आवाज उठाई तो तत्काल वहां पीएचसी खोले जाने की घोषणा भी कर दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *