जयपुर, 3 मई। राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर के करतारपुरा नाले से अतिक्रमण हटाने और उसके पुनरुद्धार से जुड़े मामले में राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा कि तीस मई तक नाले को लेकर एक्शन प्लान पेश किया जाए। ऐसा नहीं करने पर अदालत ने यूडीएच, जेडीए और हेरिटेज नगर निगम सहित अन्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को हाजिर होने के आदेश दिए हैं। एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनिल उपमन की खंडपीठ ने यह आदेश राजेन्द्र प्रसाद शर्मा की जनहित याचिका पर दिए।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से से अधिवक्ता योगेश टेलर और डीडी खंडेलवाल ने बताया कि हाईकोर्ट ने गत 19 अक्टूबर को राज्य सरकार को आठ सप्ताह में नाले के विकास को लेकर एक्शन प्लान पेश करने के आदेश दिए थे। अदालती आदेश के करीब छह माह बीतने के बाद भी अब तक सरकार ने कोई प्लान पेश नहीं किया है। नाले की फेंसिंग नहीं होने के चलते यहां आए दिन हादसे भी हो रहे हैं। जल्दी ही मानसून भी आने वाला है। ऐसे में नाले से अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए।
वहीं राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता ने बताया कि नाले का पीटी सर्वे सहित अन्य काम हो चुके हैं। इसके अलावा एक्शन प्लान भी तैयार किया जा रहा है। इस पर अदालत ने राज्य सरकार को तीस मई तक एक्शन प्लान पेश करने में असफल होने पर संबंधित अधिकारियों को हाजिर होने के आदेश दिए हैं। जनहित याचिका में कहा गया है कि नाले के बहाव क्षेत्र में बडे पैमाने पर अतिक्रमण हो गए हैं। वहीं बारिश के मौसम में यहां जानलेवा हादसे भी हो चुके हैं। इसलिए यहां से अतिक्रमण हटाकर बहाव को सुचारू किया जाए। जिसके जवाब में राज्य सरकार ने माना था कि नाले में खातेदारी की जमीन भी आ रही है। इसलिए जीपीएस सर्वे करवाकर इसकी जांच कराई जाएगी।