जेएनवीयू का एचआरडीसी देश में नंबर वन: कुलपति उच्च शिक्षा परिषद की परिचर्चा में जेएनवीयू के कुलपति ने दिया प्रजेन्टेशन

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जोधपुर। राजस्थान राज्य उच्च शिक्षा परिषद की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ जयपुर में परिचर्चा का आयोजन किया गया। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेंद्र यादव के मुख्य आतिथ्य में हुई परिचर्चा में जेएनवीयू कुलपति प्रोफेसर केएल श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक दल ने भाग लिया।
अपने सम्बोधन में कुलपति प्रोफेसर श्रीवास्तव ने कहा कि जेएनवीयू पहली स्टेट यूनिवर्सिटी हैं, जिसने नेक विजिट करवाने के बाद बी प्लस प्लस रैंक हासिल की है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का एचआरडीसी देश में नंबर वन है। नई शिक्षा नीति के लिए मूलभूत आवश्यकताओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय का अधिकांश फंड पेंशन में चला जाता है, ऐसे में राज्य सरकार पेंशन भार को वहन करे ताकि विश्वविद्यालय इस राशि का उपयोग शैक्षणिक विकास के लिए कर सके। उन्होंने बताया कि जेएनवीयू में शिक्षा नीति-2020 के तहत कवायद शुरू कर दी गई है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 में यूजी प्रथम सेमेस्टर से इसे लागू करने की तैयारी की गई है। यूजी में छह सेमेस्टर कोर्स संचालित किए जाएंगे। इसमें सीबीएस सिस्टम लागू किया जायेगा। कुलपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत नए वोकेशनल कोर्सेज, सेमेस्टर सिस्टम तथा कौशल विकास सहित विभिन्न प्रावधानों को लागू किया जाएगा। परिचर्चा में जेएनवीयू के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन सेल की निदेशक डॉ. संगीता लूंकड, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के समन्वयक डॉ. एसआर जाखड़, नोडल ऑफिसर डॉ. हेमसिंह गहलोत और राजस्थान राज्य उच्च शिक्षा परिषद के सदस्य डॉ. दिनेश गहलोत भी शामिल हुए।

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