कोटा, 1 मई : मिस इंडिया नंदिनी गुप्ता ने कहा कि जीवन में एक अवसर जाएगा तो दूसरा आएगा। हर इंसान के सर पर अवसरों का ताज है। हमें अवसर भुनाना आना चाहिए। आशावान बने रहिए, सफ लता एक दिन अवश्य आपके कदम चूमेगी। मिस इंडिया नंदिनी एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड में छात्राओं से संवाद कर ही थीं। इस मौके पर एलन के निदेशक डॉ. गोविन्द माहेश्वरी, डॉ. नवीन माहेश्वरी एवं डॉ.बृजेश माहेश्वरी ने नंदिनी का उपर्णा पहना, सिल्वर मैडल और दो लाख रुपए का चेक भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान नंदिनी के माता-पिता का भी स्वागत किया गया। नंदिनी ने हाड़ौती भाषा में एलन का धन्यवाद देते हुए कहा ‘म्हने अठी आर घणो चोखो लाग रियो छै’ …।
इस दौरान कई विद्यार्थी नंदिनी का पोट्रेट बनाकर भी लाए थे। निदेशक डॉ. बृजेश माहेश्वरी ने मंच पर उन्हें सौंपे।
बैकग्राउंड मायने नहीं रखता : नंदिनी ने एलन पीएनसीएफ विभाग की छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि मेरे पिता किसान और मां गृहिणी हैं। आपका बैकग्राउंड मायने नहीं रखता। कोई फ र्क नहीं पड़ता कि आप कहां से आते हैं। जीवन एक यात्रा है और इसमें कई बार मुझे भी फेलियर का सामना करना पड़ा। कोटा जैसे शहर से मुंबई जाकर अपने सपनों को साकार करने के लिए कोशिश करना आसान नहीं था, लेकिन माता-पिता के सपोर्ट से मैंने सपनों को साकार किया।
बाधाओं को अपना कौशल बनाया : नंदिनी गुप्ता ने कहा कि मिस इंडिया का ताज जीतने का सफर आसान नहीं था। कई चुनौतियां मेरे सामने आईं, लेकिन उन सबको पीछे छोड़ आगे बढऩे में सफ ल रहीं। अपनी चुनौतियों के बारे में बताते हुए नंदिनी ने कहा कि ‘अंग्रेजी मेरी तीसरी लैंग्वेज थी और यही कम्यूनिकेशन बैरियर मेरे लिए बड़ी चुनौती बना। मैंने इन असफ लताओं को स्वीकार किया और सफ लता के लिए कड़ी मेहनत की। इस तरह से मैंने अपनी बाधाओं को अपना कौशल बनाया।