भीलवाड़ा । जिला कारागार में क्षमता से ज्यादा बंदी होने से जेलकर्मियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जेल में 225 क्षमता है, लेकिन 398 बंदी रह रहे हैं। करीब दो गुना ज्यादा बंदी होने से सोने-बैठने में कैदियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जेल उपाधीक्षक भैंरूसिंह राठौड़ ने बताया कि जिला कारागार में 225 बंदी रखने की क्षमता है। लेकिन आज जेल में 398 बंदी रखे गये हैं। रात में बंदियों को सोने-बैठने में थोड़ी परेशानी आ रही है। उधर, जानकारों का कहना है कि ऐसी स्थिति में जेल की सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद होनी चाहिये। वहीं क्षमता से अधिक बंदी भी नहीं होने चाहिये।
जेल में 6 बैरक, उनमें भी एक का चल रहा है निर्माण
जेल में महिला और पुरुष बंदियों के लिए कुल छह बैरक है। जेल में बंदी क्षमता 225 है। लेकिन हर वक्त 300 से ज्यादा बंदी इस जेल में रहते हैं। ऐसे में बंदियों के सोने-बैठने की समस्या आ रही है। 6 में से एक बैरक का निर्माण चल रहा है। इसके चलते इन 5 बैरक में सभी बंदियों को रखा जा रहा है। इससे बैरक में भीड़ बढ़ गई है।
सौ से सवा सौ बंदी एक बैरक में
जेल की बैरक में 2 बड़ी और चार छोटी है। बड़ी बैरक में सौ से सवा सौ बंदी रखे जा रहे हैं, जबकि छोटे बैरक में 50 से 75 तक बंदी रखने को मजबूर होना पड़ रहा है।
पुलिस के अभियान से बढ़ी संख्या
पुलिस ने बुधवार को सुदर्शन 2 अभियान चलाकर अपराधियों की धरपकड़ की थी। इसके चलते जेल के बंदियों की संख्या बुधवार शाम को 415 तक पहुंच गई थी।
नई जेल भवन निर्माण अधर में
नया जेल भवन बनाने के लिए सांगानेर इलाके में 42 बीघा जमीन अधिकृत कर ली गई। इसकी चार दीवारी के निर्माण कार्य को मंजूरी मिल गई है, लेकिन भवन निर्माण अभी भी अधर में लटका हुआ है।
100 बंदियों को ट्रांसफर करने के लिए लिखेंगे पत्र
जेल उपाधीक्षक राठौड़ ने बताया कि जेल में बंदियों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में जेल के 100 बंदियों को अन्यत्र ट्रांसफर करने के लिए डीआईजी जेल, उदयपुर को पत्र लिख रहे हैं।