समलैंगिक कानून भारतीय संस्कृति पर कुठाराघात ,राजस्थान ब्राह्मण महासभा युवा प्रकोष्ठ ने समलैंगिक कानून के खिलाफ सौंपा ज्ञापन

Share:-

जोधपुर। राजस्थान ब्राह्मण महासभा युवा प्रकोष्ठ द्वारा समलैंगिक कानून के खिलाफ राष्ट्रपति के नाम एडीएम एमएल नेहरा को ज्ञापन सौंपा गया।
युवा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष श्रीकांत पारीक ने बताया कि न्यायपालिका द्वारा बना जा रहे समलैंगिक कानून बनाने के विरोध में महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष नथमल पालीवाल, श्याम जोशी, हेमेंद्र गौड़, नटवरलाल जोशी, आशीष व्यास, जितेंद्र गौड़, टीकम गौड़, छगन पालीवाल, नवाशु दवे, अशोक राजपुरोहित सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन के बाद ज्ञापन सौंपा। नथमल पालीवाल ने बताया कि समलैंगिक कानून भारतीय संस्कृति और सभ्यता पर कुठाराघात है। हमारी संस्कृति और सभ्यता वैदिक काल के रीति और नीति पर चलती है उसी वजह से पाश्चात्य सभ्यता के आक्रमण के बाद भी आज हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता अक्षुण्ण है और हम पाश्चात्य सभ्यता और पाश्चात्य देशों की संस्कृति को भारत में भीतर लागू करने का विरोध करते है। हमारी संस्कृति और सभ्यता में वैदिक काल से ही केवल जैविक पुरुष एवं जैविक महिला के मध्य विवाह को मान्यता दी है। विवाह की संस्था ना केवल दो विषम लैंगिकों का मिलन है बल्कि मानव जाति को उन्नति भी है। शब्द विवाह को विभिन्न नियमों अधिनियम, लेखों, लिपियों में परिभाषित किया गया है। सभी धर्मों में केवल विपरीत लिंग के दो व्यक्तियों की विवाह को दो अलग लैंगिकों में मान्यता देते हुए भारत का समाज विकसित हुआ है। राष्ट्रपति से हमारा निवेदन है कि समलैंगिक कानून जो न्यायपालिका द्वारा बनाया जा रहा है उस पर रोक लगे। इस प्रकार की पाश्चात्य संस्कृति पर अंकुश लगाने पर ही हमारी संस्कृति और सभ्यता सुरक्षित रह सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *