कानून से परे बुलडोजर चलाने की नई कु नीति चल पड़ी है- प्रशांत भूषण

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जयपुर, 22 अप्रैल(ब्यूरो):जाने-माने न्यायविद प्रबुद्ध अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि हमारे संविधान में न्यायपालिका के दो दायित्व हैं जिसमें से एक कर्तव्य नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करते हुए आमजन को न्याय दिलाना दूसरा कानून के राज की रक्षा करते हुए संविधान के अनुरूप कार्यपालिका और विधायिका को पटरी पर रखना। आज इन दोनों कर्तव्यों को न्यायपालिका कितना निभा पा रही है। आज कितने ही लोग कोर्ट कार्रवाइयों में खर्च न उठा पाने के कारण सालों साल बिना आरोप साबित हुए भी सजा काट रहे होते हैं। आज न्याय कम, लोक अदालतों के जरिये निपटारा ज्यादा होता है। आज तो कानून से परे बुलडोजर चलाने की नई कु नीति चल पड़ी है और दुर्भाग्यवश जनता के कुछ तबके इस बर्बरता और कानून से इतर कृत्यों को समर्थन देकर वाहवाही लूट रहे हैं।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में न्यायपालिका की भूमिका पर एकेडमी फ ॉर सोश्यो लीगल स्टडीज के तत्वावधान में शनिवार को राजस्थान समग्र सेवा संघ के दुर्गापुरा स्थित सभागार में गांधीवादी सवाई सिंह की अध्यक्षता में व्याख्यान का आयोजन हुआ।

इस मौके पर प्रशांत भूषण ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को लोकतंत्रहीन बना सत्ता प्रतिष्ठान की इच्छा से संचालित करने और वैज्ञानिक सोच के खात्मे के साथ पाखंड और साम्प्रदायिक भावनाओं को बढ़ावा देकर धर्म.निरपेक्ष मूल्यों की बलि चढ़ाई जा रही है। आमजन को आगे आकर न्यायालय को उसके कर्तव्यों और तानाशाही की ओर बढ़ती सत्ताशाहों की तानाशाही के खिलाफ उठ खड़ा होना होगा।

संस्थान के संरक्षक वरिष्ठ अधिवक्ता प्रेमकृष्ण शर्मा ने वर्तमान न्यायिक स्थिति की भूमिका रखी और सही मायने में आम जनता की सुनवाई न होने पर क्षोभ व्यक्त किया। हर स्तर पर न्यायाधीशों की भारी कमी बताई। उन्होंने जनपक्षीय न्यायिक सुधारों पर जोर दिया।
राजस्थान बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महेन्द्र शांडिल्य ने कहा कि अधिवक्ताओं और जजों को उचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इस अवसर पर प्रशांत भूषण ने वरिष्ठ अधिवक्ता और मानवाधिकारों के लिए संघर्षरत प्रेम किशन शर्मा की सडक़ किनारे की कहानियां व अन्य पुस्तकों का विमोचन किया गया।
नि:शक्तजन राज्य आयुक्त उमाशंकर शर्मा ने कहा कि युवाओं को समाज में आगे आकर महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। संस्थान के उपाध्यक्ष अधिवक्ता देवकृष्ण पुरोहित ने बताया कि ऐसे संवाद निरंतर रूप से करवाने की आवश्यकता है। भविष्य में ऐसे और कार्यक्रम करवाए जायेंगे। संस्थान के अध्यक्ष कैलाश चंद व सचिव सचिन शर्मा ने भी संस्थान के क्रियाकलापों के बारे में जानकारी दी।

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