थाने में सुनवाई नहीं तो एसपी ऑफिस, फिर भी नहीं तो कोर्ट से दर्ज करा सकते हैं एफआइआर

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हर नागरिक को अधिकार है कि किसी तरह की परेशानी होने पर पुलिस में शिकायत दर्ज करवा सकता है। अक्सर ऐसे मामले आते हैं, जिनमें पुलिस एफआइआर दर्ज करने से इनकार करती है। लेकिन एफआइआर दर्ज कराने के लिए थाना ही अंतिम उपाय नहीं है, बल्कि एसपी-आइजी ऑफिस से भी आमजन शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके बाद भी एफआइआर दर्ज नहीं होती है तो सीआरपीसी के सेक्शन 156 (3) के तहत कोर्ट में प्रार्थना पत्र दे सकते हैं। मजिस्ट्रेट के आदेश पर पुलिस को एफआइआर दर्ज करनी पड़ती है।

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन में शर्त है कि पहले थाने, फिर एसपी ऑफिस जाना होगा। देखने में आता है कि अमूमन रिपोर्ट की रिसिविंग नहीं दी जाती। ऐसे में रजिस्टर्ड डाक से रिपोर्ट भेज सकते हैं। पोस्टल रसीद और शपथ पत्र के आधार पर कोर्ट एफआइआर का आदेश देता है।
वाहन चोरी पर ऑनलाइन रिपोर्ट
वाहन चोरी होता है तो थाने पर जाने के बजाय ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इंटरनेट पर राज्य का नाम और ऑनलाइन एफआइआर सर्च करें। राजस्थान पुलिस का पोर्टल खोलें। लिंक पर क्लिक करने के बाद एक नया पेज खुलेगा, यहां सीसीटीएनएस सिटिजन पोर्टल मिलेगा। इसे अपनी एसएसओ आइडी से लॉगइन कर सकते हैं। इसमें इ-एफआइआर वाहन चोरी का विकल्प मिलेगा। शिकायतकर्ता, घटना स्थल, वाहन का विवरण लिखना है। पूरा फॉर्म भर लेने पर एसएचओ को प्रस्तुत करने के लिए क्लिक कर दें। इसके साथ ही रिपोर्ट दर्ज हो जाती है।

यह भी जानना जरूरी
– थानागाजी गैंग रेप में पीडितों की एफआइआर दर्ज नहीं होने का मामला सामने आया था। इसके बाद सरकार ने घोषणा की थी कि थानों में एफआइआर दर्ज नहीं होने की स्थिति में एसपी दफ्तर में एफआइआर कराने की व्यवस्था की है।
घटना स्थल क्षेत्राधिकार में नहीं होने का हवाला देकर एफआइआर दर्ज करने से इनकार किया जाता है। राजस्थान पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार गैर क्षेत्राधिकार के मामलों की जीरो नम्बर की एफआइआर दर्ज की कार्रवाई करनी होती है।
– एफआइआर दर्ज होने पर ड्यूटी ऑफिसर को घटना स्थल पर भेजा जाता है। पूछताछ कर बयान लिए जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्दशानुसार पीडि़त की तरफ से एफआइआर दर्ज कराने के पहले हफ्ते के अंदर ही इंवेस्टिगेशन पूरी होनी चाहिए।

आंकड़ों में जानें
30 एफआइआर औसतन रोज दर्ज होती है
70 फीसदी केस थाने से दर्ज हो जाते हैं
20 प्रतिशत केस एसपी ऑफिस से दर्ज होते
10 प्रतिशत मामलों में कोर्ट के आदेश पर
थाने में एफआइआर दर्ज कराने में परेशानी आ रही हो तो एसपी ऑफिस में शिकायत देने में संकोच नहीं करना चाहिए। आइजी कार्यालय में भी शिकायत ली जाती है। जितनी भी शिकायतें एसपी कार्यालय में आती है, अमूमन सभी में एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए जाते हैं।

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