आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का फैसला : बलात्कार के मामलों में यौन उत्पीडऩ साबित करने के लिए वीर्य स्खलन जरूरी नहीं

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अमरावती, 19 अप्रैल : आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम

मामले के तहत हाल में दोषी ठहराए
गए एक व्यक्ति की सजा बरकरार रखते हुए कहा कि यौन उत्पीडऩ को साबित करने के लिए वीर्य का स्खलन एक आवश्यक शर्त नहीं है।
न्यायमूर्ति चीकती मानवेंद्रनाथ रॉय ने कहा कि अगर रिकॉर्ड पर मौजूद साक्ष्य से पता चलता है कि यौन संबंध बनाया गया था, तो यह पॉक्सो अधिनियम की धारा 3 के तहत पारिभाषित यौन उत्पीडऩ के अपराध को साबित करने के लिए पर्याप्त है।

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