पैंथर के हमले के बाद 52 भेड़ और 1 बकरी की मौक

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दोबारा हमले की आशंका के चलते ग्रामीण दे रहे हैं पहरा
सरिस्का अभयारण्य क्षेत्र अधीनस्थ ग्राम पंचायत डांगरवाड़ा के गांव चतरपुरा में बीती रात को एक पैंथर ने पशुओं के बारे में हमला कर दिया। पैंथर के हमले के बाद पशुपालक की 52 भेड़ और एक बकरी की मृत्यु हो गई। जानकारी के अनुसार चतरपुरा निवासी पशुपालक शम्भु दयाल खारवाल उसके मवेशियों को रोजाना की तरह है शुक्रवार रात्रि को भी उनके बाड़े में बांध कर चला गया था। रात को एक पैंथर पशु बाड़े में आ गया और भेड़ों पर हमला कर दिया। पैंथर के हमले के बाद पशुपालक की कई भेड़ो की मौत हो गई। पशुपालक सुबह जब पशु बाड़े की ओर आकर देखा तो उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई। पशु बाड़े में मृत पड़ी भेड़ों को देख पशुपालक ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस वन विभाग के अधिकारियों को दी। सूचना लगने के बाद आप नेता किशन लाल मीणा मौके पर पहुंचे और पशुपालक से सारे घटनाक्रम की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि सुबह जब पशुपालक बाड़े में पहुंचा तो 30 के करीब भेड़ ही मरी हुई थी लेकिन शाम होते-होते पशुपालक की करीब 52 भेंड़ और एक बकरी दम तोड़ दिया।

इसके बाद करीब 10:00 बजे आंधी थाना पुलिस, वन विभाग के अधिकारी और एक मेडिकल बोर्ड की टीम वहां पर पहुंची। वन विभाग के अधिकारियों ने पशु बाड़े के आसपास देखा तो वहां पर पैंथर के पदचिन्ह मिले। जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने पशु बाड़े में पैंथर के हमले की पुष्टि की। पीड़ित पशु पालक द्वारा आंधी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पशुपालकों सरकार द्वारा निर्धारित राशि मुआवजे के रूप में दी जाएगी । इसके बाद मेडिकल बोर्ड की टीम ने मृत भेड़ो का पंचनामा भरा और पोस्टमाटर्म किया गया। इसके बाद सभी मृत जानवरों को जेसीबी मशीन की मदद से गहरा गड्ढा खुदवाकर दफना दिया गया हैं। शाम होते ही पेंटर के दोबारा हमले की आशंका के चलते गांव के प्रमुख जगहों पर लाइट की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर पहरा लगा रहे हैं।

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