प्लास्टिक कैरी बैग यूज नहीं करने की शपथ दूसरे दिन टूटी -5 हजार स्ट्रीट वेंडर्स ने अंत्योदय-20 में ली थी शपथ

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जयपुर, 15 अप्रैल (ब्यूरो): राजधानी से प्लास्टिक कैरी बैग को हटाना नगर निगम के लिए आसान काम नहीं हैं। शहर की सब्जी मंडियों, बाजारा और थड़ी-ठेलों पर धड़ल्ले से कैरी बैग का उपयोग हो रहा हैं। जबकि सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन किए नौ महीने से ज्यादा समय हो गया हैं। लेकिन अब तक हैरिटेज और ग्रेटर नगर निगम सिंगल यूज प्लास्टिक को चलन से बाहर नहीं कर पाए हैं। हालांकि इस संबंध में दोनों निगम कार्रवाई कर रहे हैं। इधर, महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने भी शुक्रवार को सांगानेर स्टेडियम में अंत्योदय-20 कार्यक्रम के तहत 5 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को प्लास्टिक कैरी बैग यूज नहीं करने की शपथ दिलाई थी। मगर स्ट्रीट वेंडर्स शपथ को अगले ही दिन भूल गए और प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग करने लगे।
बता दें कि डोर टू डोर कचरा संग्रहण के दौरान एकत्र कचरे का 30 फीसदी हिस्सा केवल सिंगल यूज प्लास्टिक होती हैं। सबसे बड़ी बात की इस कचरे के निस्तारण के लिए नगर निगमों के पास प्लांट भी नहीं हैं। संग्रहीत कचरे को नगर निगम सेवापुरा, मथुरादासपुरा और लांगडिय़ावास कचरे डिपो में डालता हैं। जहां इस कचरे के कारण स्थानीय लोगों जीवन नरक समान हो गया हैं। इन गांवों की आबो हवा जहरीली हो गई हैं। अस्थमा के मरीज बढ़ रहे हैं।

शहर में 30 हजार स्ट्रीट वेंडर्स
शहर के हैरिटेज और ग्रेटर नगर निगम के क्षेत्र में 30 हजार से ज्याद स्ट्रीट वेंडर्स हैं। इनमें से अधिकांश प्लास्टिक कैरी बैग यानी पॉलीथिन का उपयोग करते हैं। शहर के बाजारों, मंडियों, हटवाड़ा मार्केेट, चाय की थडिय़ों सहित अन्य स्थानों पर हैं। हालांकि बाजारों में स्थायी दुकानदारों ने सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद कर कपड़े के थेलों का उपयोग शुरू कर दिया हैं।
गौरतलब है कि सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए ग्रेटर नगर निगम ने अब तक 470 किलो पॉलीथिन जब्त कर 7.70 लाख रुपए कैरिंग चार्ज वसूला हैं। वहीं हैरिटेज निगम ने 300 किलो से अधिक पॉलीथिन जब्त कर 5 लाख रुपए कैरिंग चार्ज वसूला हैं। बता दें कि हैरिटेज निगम ने मुख्यालय परिसर और हवामहल के सामने दो ऑटोमेटिक कैरी बैग मशीन लगाई हैं, जो 10 रुपए का सिक्का डालने पर एक कपड़े का कैरी बैग देगी। हालांकि ग्रेटर नगर निगम द्वारा इस तहर की पहल शुरू नहीं की गई हैं।

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