जोधपुर। अग्निशमन विभाग के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए शुक्रवार को अग्निशमन सेवा दिवस मनाया गया। इस दौरान अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों ने दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी जलज घसिया ने बताया कि गत 14 अप्रेल 1944 को मुंबई डाकयार्ड पर स्टीफन आइस्टीन नामक जहाज पहुंचा जिसमें भारी मात्रा में रूई एवं गोला बारूद का लदान किया हुआ था। अचानक ही इस जहाज में आग लग गई और एक के बाद एक तीन धमाके हुए। इन धमाकों की आवाज़ और आग की लपटें मुंबई शहर में कई किलोमीटर दूर तक दिखाई एवं सुनाई दी। उस समय इस आग को बुझाते हुए अग्निशमन विभाग के 66 अधिकारी एवं कर्मचारी वीरगति को प्राप्त हुए थे। भारत सरकार द्वारा वर्ष 1966 में वीरगति को प्राप्त हुए इन सभी को शहीद का दर्जा दिया गया और 14 अप्रेल को अग्निशमन सेवा दिवस घोषित किया गया। साथ ही हर वर्ष 14 से 20 अप्रेल तक अग्निशमन सुरक्षा सप्ताह आयोजित किए जाने की घोषणा की गई।
इस अग्निशमन सुरक्षा सप्ताह के दौरान जनजागरण अभियान चलाकर आग लगने से होने वाले नुकसान की रोकथाम के लिए आग लगने पर क्या किया जाए, अग्निशमन यंत्र-उपकरण को कैसे इस्तेमाल किया जाए आदि की जानकारी दी जाती है। शास्त्रीनगर अग्निशमन केन्द्र पर अधिकारी एवं कर्मचारियों ने दो मिनट का मौन धारण कर अग्निशमन विभाग के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान अग्निशमन अध्यक्ष अशोक सिंह चौहान, हेमराज शर्मा, प्रशांत सिंह चौहान, शांति स्वरूप जोशी, बंसीदास वैष्णव, वीरेंद्र चौधरी, कैलाश चोरडिय़ा, महावीर सिंह, भोमाराम, तनवीर, धीरज आदि मौजूद रहे।