-गुरू गोबिन्द सिंह जी की कृपाण के दर्शन किए
-सिटी पैलेस में वैसाखी-खालसा साजना दिवस मनाया गया
जयपुर, 13 अप्रैल (ब्यूरो): सिटी पैलेस के सर्वतोभद्र चौक में 14 अप्रैल खालसा साजना दिवस के उपलक्ष्य पर सुखमनी सेवा सोसायटी, बनीपार्क के सदस्यों ने वैसाखी की पूर्व संध्या पर गुरुवार को शब्द कीर्तन व अरदास की। इस अवसर पर सिखों के 10वें गुरू, गुरू गोविन्द सिंह जी की ऐतिहासिक कृपाण को सोसायटी के सदस्यों के दर्शनों के लिए रखी गई थी।
सुखमनी सेवा सोसायटी की प्रेसिडेंट, पिंकी सिंह ने बताया कि कार्यक्रम में सदस्यों की ओर से मेरा बैद गुरू गोविन्दा, नासरो मन्सूर गुरू गोविन्द सिंह व वाह वाह गोविन्द सिंह आपे गुरू चेला आदि शब्दों का गायन किया गया। वहीं सोसायटी के सेक्रेटरी, सूर्य उदय सिंह ने गुरू गोविन्द सिंह जी की कृपाण के इतिहास के बारे में बताया और सरबत के भले की अरदास की। इस अवसर पर एमएसएमएस द्वितीय संग्रहालय की एग्जीक्यूटिव ट्रस्टी, रमा दत्त, एमएसएमएस द्वितीय संग्रहालय की डायरेक्टर, रीमा हूजा और ओएसडी रामू रामदेव भी मौजूद रहे।
वैसाखी पर्व का धार्मिक महत्व यह है कि इस दिन सिक्खों के दसवें गुरू, गुरू गोविन्द सिंह जी ने सन् 1699 में आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की स्थापना की थी। उन्होंने सर्वप्रथम पांच प्यारों को अमृतपान करवा कर खालसा बनाया। उन पांच प्यारों के हाथों से स्वयं भी अमृतपान किया। गुरू गोविन्द सिंह जी ने ही दो नारे दिए हैं, जो बोले सो निहालए सत श्री अकाल और वाहेगुरू जी का खालसा वाहेगुरू जी की फतहश्। ये नारे सिख धर्म की पहचान हैं।