सरमथुरा क्षेत्र में फल-फूल रहा पत्थर का अवैध खनन

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जिम्मेदारों की अनदेखी से सरकार को लग रहा लाखों रुपये का चूना

धौलपुर। धौलपुर जिले के सरमथुरा उपखंड क्षेत्र में इन दिनों अवैध पत्थर खनन का कारोबार जोरों पर है। पत्थर कारोबारी राजस्व का नुकसान कर करोड़ों रुपये की अवैध कमाई कर रहे हैं। लेकिन इस ओर कार्रवाई को लेकर जिम्मेदारों ने भी आंखें फेर ली हैं।

आपको बता दें कि वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा बनाए गए नियमों के विरुद्ध भूमि से पत्थर निकालकर बाजार में बेचे जाने से पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है। बावजूद इसके प्रशासन इस पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है। रोजाना 100 से 150 डग्गेमार ट्रकों में इस अवैध पत्थर की ढुलाई की जा रही है।

उपखंड में खदानों से पत्थर माफिया अवैध रूप से प्रतिदिन वाहनों को ओवरलोड करके पत्थर गैंगसा इकाइयों तक अवैध रूप से पहुंचाते हैं। अवैध खनन में संलिप्त पत्थर व्यवसायियों द्वारा अवैध रूप से पत्थर ढोने का काम दिन भर खुलेआम किया जा रहा है।

सूत्रों की मानें तो यह अवैध कारोबार खनिज विभाग, स्थानीय पुलिस व वन कर्मियों की मिलीभगत से चल रहा है। अवैध पत्थर खनन के कारोबार में लगे व्यवसाई राजनीतिक रूप से भी अपनी पहुंच बनाए हुए हैं।नियमों को ताक पर रखकर मानक के विपरीत अवैध पत्थर निकाल रहे हैं। वहीं विभाग की बिना अनुमति लिये ही खनन कार्य को अंजाम दे रहे हैं। कहा जाए तो सब कुछ जानते हुए भी खनन विभाग मूकदर्शक बना है।

क्षेत्र में बेधड़क गुजर रहे ओवरलोड वाहन भी प्रशासन की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक पंजीकृत ठेकेदारों को रायल्टी जमा करने के साथ मानक के अनुसार खनन कराने का प्रावधान जारी कर रखा है। लेकिन प्रशासन की निष्क्रियता के चलते राज्य सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि पहुंचाने के बाबजूद किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

उपखंड में अवैध खनन को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा कई विभागों के अधिकारियों को जिम्मेदारी दे रखी है। लेकिन महीने भर में एक दो मामलों को छोड़कर अवैध खनन पर नियंत्रण के लिए कोई खास पहल नहीं की गई है। केवल दिखावे के लिए छुटपुट खानापूर्ति की जाती है। जबकि अवैध खनन कारोबारी इस धंधे में जोर शोर से लगे हुए हैं।

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