जयपुर, 7 अप्रैल (ब्यूरो): प्रदेश में बिजली कम्पनियों फ्यूल सरचार्ज के रूप में उपभोक्ताओं से वसूली करने में जुटी हुई है। इस सरचार्ज के नाम पर हर तीन माह में उपभोक्ताओं के बिलों में अतिरिक्त राशि जोड़ी जाती है और बिजली बिल में छोटी सी दिखने वाली इस रकम के जरिए तीनों बिजली वितरण कम्पनियों ने पिछले चार वर्षों में उपभोक्ताओं से 3750 करोड़ रुपए की वसूली की है। इसमें भी सबसे ज्यादा वसूली जयपुर डिस्कॉम में 1893 करोड़ रुपए की हुई है।
यह है फ्यूल सरचार्ज :
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग की ओर से जारी टैरिफ रेगुलेशन की अनुपालना में विद्युत खरीद की निर्धारित दर एवं वास्तविक खरीद मूल्य में अन्तर की राशि को फ्यूल सरचार्ज के रूप में वसूल किए जाने का प्रावधान है। फ्यूल सरचार्ज का निर्धारण त्रैमासिक आधार पर किया जाता है। चुनावी वर्ष में सरकार के दवाब में इसकी वसूली नहीं होती या मामूली सरचार्ज ही वसूला जाता है, लेकिन कई बार तो यह सरचार्ज 55 पैसे तक हो जाता है।
अब तक 11 बार लगाया चार्ज :
बिजली कम्पनियों ने वर्ष 2019 से लेकर मार्च 2022 तक फ्यूल सरचार्ज की 11 बार वसूली की है। इस दौरान जुलाई से सितम्बर 2020 के बीच कोई सरचार्ज नहीं लिया गया, वहीं सबसे कम सरचार्ज अक्टूबर से दिसम्बर 2020 के तीन माह का 0.07 पैसा वसूला गया है। वहीं सबसे ज्यादा सरचार्ज अप्रैल से जून 2019 के बीच .55 रुपए प्रति यूनिट लिया गया है।
अन्य चार्ज से बढ़ रहा बोझ :
बिजली बिलो में फ्यूल सरचार्ज के अलावा भी अन्य सरचार्ज जुडक़र आ रहे हैं। इसमें सितम्बर 2019 से अगले तीन वर्ष के लिए हर उपभोक्ता से 0.05 रुपए प्रति यूनिट वसूले गए हैं। इसके साथ ही अक्टूबर 2022 से पांच वर्षों तक मासिक बिलिंग वाले हर उपभोक्ता सेे 0.07 रुपए प्रति यूनिट सरचार्ज वसूला जा रहा है। वहीं द्विमासिक बिलिंग वाले उपभोक्ताओं से पांच वर्ष तक के लिए 0.14 रुपए प्रति यूनिट वसूली की जा रही है।
2023-04-08