कठूमर:- भनोखर रोड पर गत रात्रि ट्रैक्टर ट्रॉली की टक्कर से मृत तीन बच्चों व उनके पिता का पोस्टमार्टम शुक्रवार को कठूमर सीएसचसी पर मेडिकल बोर्ड से कराया गया। इस मौके पर कानून एवं व्यवस्था को लेकर एसडीएम, डीएसपी, कठूमर, खेरली, बहतुकला एस एच ओ मय जाप्ता, क्यूआर टी टीम सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि भनोखर रोड पर गुरुवार रात्रि को अवैध बजरी के टैक्टर ट्राली की टक्कर से टेंपो सवार एक ही परिवार के पांच जने जिनमें सुंडयाना निवासी मुरारी लाल ,उनकी पत्नी लाडबाई, व एक पुत्री,और दो पुत्र कठूमर से अपने गांव जा रहे थे कि मंडावर की ओर से आ रहे एक अवैध बजरी से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली ने सुंडयाना मोड़ पर टैम्पो में टक्कर मार दी। जिससे तीन बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी।और बच्चों के पिता ने कठूमर सीएचसी में दम तोड़ दिया।
सूचना मिलने पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। और सड़क पर बैठे आक्रोशित ग्रामीणों से वार्ता शुरू की। रात्रि में करीब 1:00 बजे एसडीएम लाखन सिंह गुर्जर डीएसपी अशोक चौहान की समझाइश पर ग्रामीण शवो को घटनास्थल से उठाने पर राजी हो गये। और रात्रि दो बजे शवों को कठूमर सीएचसी पहुंचाया गया। सहमति बनी । घटना के अगले दिन शुक्रवार को सुबह परिजन पोस्टमार्टम की जगह अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए अस्पताल परिसर में धरना पर बैठ गये। एसडीएम लाखन सिंह गुर्जर व पुलिस उपाधीक्षक अशोक चौहान द्वारा दो घंटे की समझाइश के बाद मृतकों के परिजन व ग्रामीण सहमत हो गए । और सहमति बनने के बाद उन्होंने अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि मृतक के परिजन में शेष बची एक लड़की को सरकारी नौकरी व एक करोड़ रुपए का मुआवजा आदि मांगे रखी गई। जिस पर एसडीएम लाखन सिंह गुर्जर ने मृतकों के परिजनों से आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार की ओर से मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना आदि का लाभ दिलाने में पूर्ण प्रयास करेंगे और मृतकों के परिजनों का हर संभव सहयोग करेंगे। जिस पर ग्रामीणों ने सभी शवो का पोस्टमार्टम करा पंचनामा तैयार करा कर मृतकों के शवों को अपने साथ ले गए।
इस मामले में मृतक के छोटे भाई विजेंद्र ने अज्ञात ट्रैक्टर चालक के विरुद्ध लापरवाही व तेजी से टैक्टर चला कर टैम्पो में टक्कर मार दी । जिससे तीन बच्चों की मौके पर मौत हो गई।और भाई ने कठूमर अस्पताल में दम तोड दिया। भाभी लाडबाई को गभींरवस्था में अलवर रैफर कर दिया गया। इधर गमगीन माहौल में पैतृक गांव सुंडयाना में चार चिता एक साथ जलती देख हर कोई की आंखें नम थी। अंतिम संस्कार में आस पास के गांवों के सैंकड़ों लोग पहुंचे। अब इस परिवार मे केवल आठ वर्ष की एक लड़की और मुरारी लाल की वद्व मां बची है।