उदयपुर,7 अप्रैल (ब्यूरो)। जिले में आगामी दो महीने तक धार्मिक ध्वज और प्रतीक चिन्ह वाली झंडियों पर रोक लगाए जाने से राजनीति तेज हो गई है।
प्रदेश की गहलोत सरकार पर हमलावर हुई भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का कहना है कि ‘राजस्थान सरकार मंदिर औऱ धार्मिक त्योहारों के पीछे पड़ी है। इसके पीछे मकसद क्या है वो जाने? पता नहीं, किसके दबाव में उन्होंने ऐसा निर्णय लिया है और वह किसको खुश करना चाहते हैं? महाराणा प्रताप ने मुगलों के खिलाफ भगवा पताका पूरे मेवाड़ में लगाई थी। अब अगर पताका हम उदयपुर में नहीं लगाएंगे तो क्या तालिबान में लगाएंगे? ये एक तालिबानी राज है। यह सब हमारे त्योहारों को रोकने का प्रयास है। दुर्भाग्य है ये जो राजस्थान सरकार कर रही है।’
खाचरियावास बोले—दंगे करवाना चाहती है बीजेपी
कांग्रेस नेता तथा राज्य सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भाजपा को जबाव देते हुए कहा, ‘जिसको भगवा फहराना है वो फहराए, जिसको सफ़ेद लहराना है लहराए…। बीजेपी-कांग्रेस वाले अपने झंडे लगाए किसी भी झंडा फहराने पर कोई रोक नहीं है। यह झगड़ा भगवा-हरा और सफ़ेद का नहीं, बल्कि वोट का झगड़ा है। दस महीने बाद राजस्थान में विधानसभा होने हैं और भाजपा चुनावी साल में वोट की फ़सल काटने के लिए राजनीती कर दंगे भड़काने की साजिश कर रही है। खाचरियावास ने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि यहां दंगे फैलाने की कोशिश की तो उठाके जेल में बंद कर देंगें। उन्होंने कहा कि जो कानून हाथ में लेगा वो चाहें किसी भी धर्म या फिर बीजेपी-कांग्रेस का हो, उसे उठाके बंद करेंगे।
राजसमंद सांसद दीया कुमारी बोलीं- ध्रुवीकरण की कोशिश
राजसमंद से भाजपा सांसद दीया कुमारी का कहना है कि, ‘ धार्मिक झंडों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पूरी तरह से गलत और पक्षपातपूर्ण हैं। जब भी हिंदू महोत्सव होता है तो ध्रुवीकरण की कोशिश होती है। आदेश पर फिर से विचार किया जाना चाहिए और वापस ले लिया जाना चाहिए।
सवाल, क्या प्रताप जयंती पर नहीं लगेंगे भगवा झंडे?
अगले दो माह में उदयपुर स्थापना दिवस, भगवान परशुराम जयंती और महाराणा प्रताप जयंती जैसे अवसर आने वाले हैं। इन अवसरों पर शहर में सनातन संस्कृति की प्रतीक भगवा झंडियां लगाई जाती हैं, चौराहों को भी झंडियों से सजाया जाता है, जो इन त्योहारों की भव्यता का भी प्रतीक माना जाता है। अब सवाल है कि क्या इस दौरान शहर में भगवा झंडे नहीं लगाए जा सकेंगे। धार्मिक झंडे तथा प्रतीक चिन्ह की झंडियों पर रोक से हिन्दू संगठनों में रोष व्याप्त है। मामले में बजरंग सेना के संस्थापक कमलेन्द्र सिंह पंवार ने सवाल उठाया है कि क्या उदयपुर महाराणा प्रताप जयंती पर 22 मई को झंडियों से सज नहीं पाएगा और क्या मामूली सी गलती पर प्रशासन जयंती उत्सव पर और पाबंदियां थोप देगा? इतना ही नहीं अक्षय तृतीया जो 23 अप्रैल को आ रही है और उसी दिन भगवान परशुराम जयंती होती है, क्या उस दिन भी चौराहों पर झंडी नहीं लग सकेगी, जबकि उदयपुर की स्थापना करने वाले महाराणा उदय सिंह की प्रतिमा उदियापोल पर लगी हुई है जो सरकार के अंतर्गत है। महाराणा प्रताप जयंती समारोह के संयोजक प्रेम सिंह शक्तावत ने शुक्रवार को बयान जारी कर बताया कि महाराणा प्रताप जयंती पर मेवाड़ में झंडा नहीं लगाया जाएगा तो कहां लगाया जाएगा।