रंगों का त्योहार होली अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। बच्चों से लेकर बूढ़े तक इस त्यौहार को बड़े ही उत्साह से मनाते हैं।
क्षेत्र मे होली के एक दिन बाद महिलाए नवविवाहित जोड़े को उन्ही के घर मे बंद करके घरो के बाहर ताला लगाने की रस्म आज भी निभाती है
आपको बता दें कि ये रस्म पिछले कई अरसो से चली आ रही है।
ये परम्परा शुक्रवार की रात्रि को बिलाड़ा व आस पास के क्षेत्रो मे देखने को मिली महिलाओ से इस परम्परा के बारे मे जानने की कोशिश की तब महिलाओ ने बताया की होली के बाद आस पड़ोस की महिलाए नवविवाहित जोड़े को उन्ही के घर मे बंद करके बाहर से घर का ताला लगा देती है फिर महिलाए फागुन के गीत गाने के साथ साथ महिलाएं गालियां भी गाती हैं। इनमें महिलाओ की पीड़ा कसक के रूप में सामने आती है। रिश्ते की भाभियों के साथ देवर मर्यादित हंसी-मजाक भी करते हैं।नए जोड़े से होली का नेक लेने के बाद ताला खोला जाता है ये रस्म होली के एक दिन बाद से शुरू होती है और पंद्रह दिन तक चलती है आज भी महिलाए अरसो पुराणी रित को निभाती आ रही है l