सहारा प्राइम सिटी के मामला : राज्य उपभोक्ता आयोग का आदेश, डीजीपी कराए विशेष टीम से वारंट की तामील

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जयपुर, 8 मार्च। राज्य उपभोक्ता आयोग ने पुलिस महानिदेशक को कहा है कि वह आदेश के बावजूद भुगतान नहीं करने के संबंध में सहारा प्राइम सिटी से जुडे सभी 115 प्रकरणों में जारी गिरफ्तारी और जमानती वारंट की तामील विशेष रूप से टीम गठित कर कराए। आयोग ने अपने रजिस्ट्रार को कहा है कि वह डीजीपी से व्यक्तिगत तौर पर संपर्क कर यह सुनिश्चित करें कि गठित होने वाली टीम का मुखिया अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर का अधिकारी हो और इसमें सदस्य के तौर पर पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारी को शामिल किया जाए। इसके अलावा डीजीपी से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वह यूपी के आईजी से संपर्क कर वारंट की तामील सुनिश्चित कराए। आयोग ने यह आदेश इस संबंध में दायर अवमानना प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए।
आयोग ने अपने आदेश में कहा कि प्रकरण में अब तक कई बार सहारा प्राईम सिटी और उनके अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और जमानती वारंट जारी किए गए हैं, लेकिन अब तक न तो इनकी तामील कराई गई और ना ही इन्हें बिना तामील आयोग को लौटाया गया। आयोग ने कहा कि सभी परिवादी मध्यम आय वर्ग के लोग हैं। जिन्होंने अपना आवास का सपना देखते हुए अपनी गाढ़े पसीने की कमाई निवेश की थी, लेकिन उनका यह सपना साकार नहीं हो सका। ऐसे में विवश होकर उन्हें उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत आयोग में परिवाद पेश करना पडा। आयोग का आदेश होने के बाद भी उन्हें निर्णय का वास्तविक रूप से फल प्राप्त नहीं हुआ।
मामले के अनुसार वर्ष 2005 में लोगों ने सहारा प्राइम सिटी में मकान बुक कराया था। इन लोगों ने वर्ष 2012 तक मकान की तय राशि भी जमा करा दी, लेकिन उन्हें वर्ष 2019 तक मकान का कब्जा नहीं दिया। इस पर इनकी ओर से राज्य उपभोक्ता आयोग में अलग-अलग परिवाद पेश किए। जिस पर अक्टूबर, 2019 और बाद में आयोग ने सहारा प्राइम सिटी को लिए गए लाखों रुपए ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिए। इस आदेश की पालना नहीं होने पर उपभोक्ताओं ने आयोग में अवमानना प्रार्थना पत्र पेश किए। जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने पूर्व में सहारा प्राइम सिटी और सुब्रत रॉय सहित अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी कर तलब किया। इसके बावजूद उनकी ओर से आयोग में जवाब पेश नहीं किया गया। इस पर आयोग ने इन लोगों के पहले जमानती वारंट जारी किए और बाद में गिरफ्तारी वारंट जारी कर तलब किया। इनकी भी तामील नहीं होने और अदम तामील वारंट नहीं लौटने पर अब आयोग ने इस संबंध में डीजीपी को आदेश जारी किए हैं।

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