वाराणसी कोर्ट ने सिखों पर की गई टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग वाली याचिका खारिज की

Share:-

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की अदालत ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ हाल ही में अमेरिका यात्रा (सितंबर 2024) के दौरान सिखों पर की गई कथित टिप्पणी को लेकर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 173 (4) के तहत दायर याचिका खारिज की।

नागेश्वर मिश्रा नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया कि गांधी ने अमेरिका यात्रा के दौरान आपत्तिजनक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत में सिखों के बीच असुरक्षा का माहौल है।

उनकी याचिका में आरोप लगाया गया कि यह बयान भड़काऊ था। ऐसा करके वह लोगों को अपने राजनीतिक हितों के लिए लड़ने के लिए उकसा रहे थे।

आवेदक ने यह भी तर्क दिया कि 14 दिसंबर, 2019 को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित रैली के दौरान गांधी द्वारा इसी तरह का ‘प्रचार’ फैलाया गया, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली के शाहीन बाग में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ, जो दुखद रूप से हिंसा और अराजकता के साथ समाप्त हुआ।

इन दलीलों की पृष्ठभूमि में अपने आदेश में एसीजेएम नीरज कुमार त्रिपाठी ने शुरू में उल्लेख किया कि भारत के बाहर किए गए कथित अपराध के लिए धारा 208 BNSS के प्रावधान में प्रावधान है कि केंद्र सरकार की पूर्व मंजूरी के बिना भारत में ऐसे किसी अपराध की जांच या सुनवाई नहीं की जा सकती है।इसके अलावा, गांधी के 2019 के कथित भाषण के संबंध में न्यायालय ने कहा कि याचिका में किसी भी तरह की उकसावे या किसी ऐसे कृत्य का संकेत नहीं दिया गया, जो दिल्ली में गांधी के भाषण के आधार पर किसी संज्ञेय अपराध के होने का संकेत दे सके।

इसलिए न्यायालय ने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि दिल्ली में प्रतिवादी द्वारा दिया गया भाषण संज्ञेय अपराध का गठन करता है। इसलिए अदालत ने धारा 208 BNSS के प्रावधान के आधार पर आवेदक की याचिका खारिज की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *