राजस्थान के अजमेर जिले की एक अदालत ने आज दरगाह के एक मौलवी (सैयद गौहर हुसैन चिश्ती) और पांच अन्य को जून 2022 में भाजपा के पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ आयोजित एक रैली के दौरान लोगों को उकसाने और “सर तन से जुड़ा” का नारा लगाने के आरोप से बरी कर दिया।
पैगंबर मोहम्मद के बारे में शर्मा की कथित टिप्पणी के बाद (अजमेर दरगाह के मुख्य द्वार पर) एक सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर नारा लगाया गया था, जिससे व्यापक आक्रोश फैल गया था। उनकी कथित टिप्पणी के बाद भाजपा ने उन्हें निलंबित भी कर दिया था।
हालांकि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रितु मीणा को आज अपने खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए सबूत अपर्याप्त मिले। मामले के विस्तृत फैसले का इंतजार है।
आरोपों के अनुसार, अजमेर दरगाह की मौलवी गौहर चिश्ती ने अन्य लोगों के साथ 17 जून, 2022 को पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए कथित बयान के विरोध में एक रैली का आयोजन करते हुए प्रश्न में नारा [गुस्ताखी-ए-नबी की एक ही सजा, सर तन से जुदा सर तन से जुदा]