Terrorist Attack :पुंछ के जंगलों से निकला आतंकी जिन्न डोडा तक पहुंच निगल गया 32 जवान, खुफिया तंत्र कहां हो रहा फेल?

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एक और आतंकी हमले में चार जवान बलिदान हो गए। पिछले तीन वर्ष में जम्मू संभाग में यह सातवां बड़ा हमला था। इन सात हमलों में अब तक 32 जवान बलिदान हो चुके हैं। पुंछ के भाटादूड़ियां के जंगलों से निकला आतंक का जिन्न डोडा पहुंच गया है। वहीं, आतंकियों पर कार्रवाई रणनीतिक बैठकों और सर्च ऑपरेशन से आगे नहीं बढ़ पा रही है।

पूर्व डीजीपी एसपी वैद का कहना है कि आतंकियों पर अब बड़ी और तत्काल कार्रवाई की जरूरत है। जंगलों में छिपे आतंकियों पर कार्रवाई के लिए आधुनिक संचार नेटवर्क, खुफिया तंत्र को मजबूत करने की जरूरत है। पूर्व मेजर जनरल गोवर्धन सिंह जमवाल कहते हैं कि सुरक्षा एजेंसियां अपने साथ जंगल के हर एक गांव को जोड़ें। खासकर युवाओं और पूर्व सैनिकों को साथ जोड़ें। जम्मू संभाग में तैनात रह चुके स्थानीय पूर्व सैनिकों की मदद लेनी चाहिए। सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाने से जरूरी है कि आम लोगों को साथ जोड़ा जाए।

चमरेल से शुरू हुआ था सिलसिला
वर्ष 2021 में 11 अक्तूबर को पुंछ के डेरा गली चमरेल जंगल में आतंकियों की तलाश में निकली सेना पर घात लगाकर हमला हुआ था। इसमें पांच जवान बलिदान हो गए थे। इसके दो दिन बाद 14 अक्तूबर को इन्हीं आतंकियों की तलाश भाटादूड़ियां के जंगल तक की गई। आतंकी तो नहीं मिले, लेकिन चार जवान और बलिदान हो गए। दो महीनों तक इन आतंकियों की आसमान और जमीन पर ड्रोन, हेलिकॉप्टर से तलाश की गई। लेकिन एक भी आतंकी का पता नहीं लगा और सर्च ऑपरेशन खत्म हो गया। यह सिलसिला अब तक जारी है।

पूर्व सैनिक निकलें अपने घरों से
अब हमें भी बाहर निकलना पड़ेगा। हमारे पूर्व सैनिकों को आगे आना होगा। सरकार को चाहिए कि इन्हें हथियार मुहैया कराए। खासकर राजोरी, पुंछ, डोडा, कठुआ में तैनात रह चुके स्थानीय सैन्यकर्मियों को अपने साथ जोड़ें। यह आतंकियों के खात्मे के लिए मददगार साबित होंगे। – गोवर्धन सिंह जमवाल, पूर्व जनरल

हमले बर्दाश्त नहीं, कुछ बड़ा करने की जरूरत
कुछ बड़ा करने की जरूरत है। यह जल्दी होना चाहिए। ऐसे हमले बर्दाश्त नहीं। जंगलों में छिपे आतंकियों पर कार्रवाई के लिए आधुनिक संचार नेटवर्क, खुफिया तंत्र को मजबूत करने की जरूरत है। – एसपी वैद, पूर्व डीजीपी

जम्मू संभाग में बड़े आतंकी हमले
11 अक्तूबर 2021, चमरेल पुंछ, पांच जवान बलिदान
14 अक्तूबर 2021, भाटादूड़ियां, चार जवान बलिदान
20 अप्रैल 2023, भाटादूड़ियां, पांच जवान बलिदान
5 मई 2023, केसरी पर्वत राजोरी, पांच जवान बलिदान
22 नवंबर 2023, कालाकोट राजोरी, दो अफसर सहित 4 शहीद
8 जुलाई 2024, कठुआ, पांच जवान बलिदान
15 जुलाई 2024, डोडा, चार जवान बलिदान

हिंदू नागरिकों पर दो बड़े हमले
आतंकियों ने हिंदू समुदाय के नागरिकों पर भी हमले किए हैं। पहला हमला वर्ष 2023 में 1 जनवरी को राजोरी के ढांगरी गांव में किया गया। इस हमले में 7 हिंदू नागरिकों की हत्या कर दी गई। इसके बाद 2024 में 9 जून को रियासी जिले में एक बस पर आतंकवादी हमले में 10 यात्रियों की हत्या की गई।

सात माह में 12 सुरक्षाकर्मी, 10 नागरिकों की मौत
जम्मू संभाग में पिछले 7 माह से अब तक आतंकी हमलों में सैन्य कैप्टन सहित 12 सुरक्षाकर्मी बलिदान हो गए। हमलों में 10 नागरिक मारे गए हैं, जबकि 55 लोग घायल हुए हैं। वहीं पांच आतंकी मारे गए।

2024 में हुए बड़े हमले
15 जुलाई: डोडा आतंकी मुठभेड़ में 5 जवान बलिदान।
8 जुलाई: कठुआ आतंकी हमले में 5 जवान बलिदान।
7 जुलाई: राजोरी जिले में सुरक्षा चौकी पर हमले में एक सैन्यकर्मी घायल।
26 जून: डोडा जिले में मुठभेड़ में तीन विदेशी आतंकवादी मारे गए।
12 जून: डोडा जिले में आतंकवादी हमले में एक पुलिसकर्मी घायल।
11/12 जून: कठुआ जिले में मुठभेड़ में दो आतंकी मारे। एक जवान बलिदान। डोडा जिले में आतंकवादी हमले में राष्ट्रीय राइफल्स के पांच जवान और एक विशेष पुलिस अधिकारी घायल हुआ।
9 जून: रियासी जिले में बस पर आतंकी हमले में 10 यात्रियों की मौत, 42 घायल हुए।
4 मई: पुंछ जिले में वायुसेना कर्मी बलिदान और पांच घायल हो गए।
28 अप्रैल: उधमपुर जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में वीडीजी कर्मी बलिदान।
22 अप्रैल: राजोरी जिले में सरकारी कर्मचारी की गोली मारकर हत्या कर दी।

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