आकस्मिक योजना नियमों को अंतिम रूप नहीं देने पर सचिव तलब

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जयपुर, 22 दिसंबर। राजस्थान हाईकोर्ट ने एससी,एसटी एक्ट के तहत पीडितों को तत्काल राहत और पुनर्वास के लिए आकस्मिक योजना के नियम वर्ष 2017 में ड्राफ्ट होने के बाद भी अब तक उन्हें अंतिम रूप नहीं देने को गंभीर माना है। इसके साथ ही अदालत ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव को दस जनवरी को हाजिर होकर यह बताने को कहा है कि योजना के नियम कब नोटिफाइड होंगे और इन्हें अंतिम रूप से कब तक लागू किया जाएगा। एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव व प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश दलित मानवाधिकार केन्द्र समिति की जनहित याचिका पर दिए।
याचिका में अधिवक्ता सतीश कुमार ने बताया कि एससी,एसटी एक्ट के नियम 15 के अनुसार आकस्मिक योजना पीडित और उनके आश्रितों को तत्काल वित्तीय सहायता सहित अन्य राहत व पुनर्वास के लिए बनी थी। योजना के नियम वर्ष 2017 में बने थे, लेकिन छह साल बाद भी इनका गजट में प्रकाशन होकर ये नोटिफाइड नहीं हुए हैं। इससे योजना पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई है और इसका लाभ भी पीडित को नहीं मिल पा रहा है। वहीं एससी, एसटी वर्ग के लिए बनाई गए इस योजना के लागू नहीं होने से इन्हें बनाने का उद्देश्य विफल हो रहा है। इसलिए योजना के नियम नोटिफाइड कर योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। इस पर अदालत ने कहा कि नियमों के नोटिफाइड नहीं होने के चलते योजना लागू नहीं हो पा रही है, ऐसे में सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के सचिव हाजिर होकर बताए की योजना कब लागू होगी।

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