निवाई- झिलाय रोड स्थित बालाजी के मंदिर में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर बैठक आयोजित की गई। समिति के खण्ड संयोजक रामकिशन बहादुरपूरा ने बताया कि श्री रामजन्म भूमि मंदिर के लिये 500 वर्ष तक सतत चला संघर्ष, वास्तव में हमारी संस्कृति की अक्षुणता का ध्योतक रहा है। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के बाद हुआ श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन भारत की अस्मिता और पहचान का संघर्ष था। श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भारतीय स्वाभिमान एवं गौरव की पुनस्र्थापना है। यह राममंदिर से राष्ट्रमंदिर के अप्रतिम भाव का प्रतीक भी है। जन-जन के मन में प्रभु श्रीराम के प्रति जो आस्था है उसके प्रकटीकरण का चरम दृष्टिगत हो रहा है। खण्ड सह संयोजक मुकेश खटाणा ने बताया कि अयोध्या जी आए पूजित अक्षत कलश पहुंचाए जा रहे हैं जिनको 1 से 7 जनवरी तक टोलिया बनाकर हिंदू समाज के प्रत्येक घर तक पहुंचाया जाएगा। जिसके लिए समितियो का गठन किया जा चुका है। समस्त समाज जनों से आग्रह है कि आगामी पौष शुक्ल द्वादशी विक्रम संवत 2080 सोमवार को शुभ अवसर पर जब प्रभु श्रीराम के बाल रूप नूतन विग्रह को श्रीराम जन्मभूमि पर बना रहे नवीन मंदिर भूतल के गर्भ ग्रह में विराजित करके प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी तब वैसा ही आनंद व उत्सव का वातावरण घर में भी अनुभूत हो। इसके लिए उस दिन अपने गली मोहल्ले घर परिवार में उत्सव दीपावली की तरह मनाएं। इस दौरान सुरेश बैंसला, मदन भडाना, महेंद्र पोसवाल, राकेश खारोल, विजेंद्र चौधरी, गणपत सैन, दयाराम चैची, सवाईभोज गुर्जर, विजय व खुसीराम सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।
2023-12-20