-मौजूदा सांसद नरेन्द्र कुमार मंडावा से तथा पूर्व सांसद संतोष अहलावत की हार से चर्चा में आया सवाल
झुंझुनंू, 3 दिसंबर : भाजपा की ओर से सांसद को विधायक का चुनाव लडऩा झुंझुनंू जिले में जनता ने गलत साबित कर दिया। झुंझुनंू लोकसभा क्षेत्र से मौजूदा सांसद नरेन्द्र कुमार जिले की मंडावा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रुप में चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी सुश्री रीटा चौधरी के सामने बड़े अंतर से हार गए। रीटा ने दूसरी बार नरेन्द्र कुमार को पराजित किया है। हालांकि नरेन्द्र भी रीटा को पराजित कर चुके है लेकिन इस बार सांसद को विधायक का चुनाव लडाऩे के कारण मंडावा विधानसभा प्रदेश की हॉट सीट में बनी हुई थी। रीटा व नरेन्द्र राजनीतिक में पुराने प्रतिद्धंदी है और इस बार सांसद के रुप में नरेन्द्र कुमार को विधानसभा चुनाव में बड़ी पटखनी देकर राजनीति में अपना कद बढ़ा लिया।
उधर, जिले की सूरजगढ़ से भी भाजपा ने पूर्व सासंद संतोष अहलावत को विधायक के लिए भाजपा प्रत्याशी के रुप में उतरा, लेकिन सूरजगढ़ में संतोष अहलावत अपने पुराने प्रतिद्धंदी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार से बड़े अंतर 37 हजार 414 वोटों से हार गई। मौजूदा सांसद नरेन्द्र कुमार एवं पूर्व सांसद संतोष अहलावत के बाद सियासी गलियारों खासकर भाजपा समर्थकों में सवाल बड़े जोर-शोर से चल पड़ा है कि अब आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी क्या इनमें से किसी एक को टिकट देगी या फिर नए चेहरे पर दांव लगाएगी।
सांसद एवं पूर्व सासंद की जीत में समानता यह है कि दोनों की मोदी लहर में बड़े मतों से रिकॉर्ड जीत हुई थी और अब दोनों की विधानसभा में हार उस समय हुई जबकि राजस्थान में भाजपा की सरकार बन रही है। मौजूदा सांसद नरेन्द्र और पूर्व सांसद में एक समानता यह भी है कि दोनों जिस क्षेत्र में हारे उस क्षेत्र में पहले विधायक रह चुके है और अब हार भी उन्हीं कांग्रेस प्रत्याशियों के सामने हुई जिनकों बीते चुनाव में वे हार चुके है। सियासी गलियारों सहित स्वयं नरेन्द्र एवं संतोष अहलावत की भी अब की हार के विश्लेषण पर लगी है कि दोनों बड़े कद के नेता होने के साथ उस समय हारे जब प्रदेश में उनकी सरकार बन रही है।
बताया जा रहा है कि अहलावत पार्टी में भीतरी घात के चलते हारी। बीते विधानसभा में इस सीट पर भाजपा के नरेन्द्र कुमार विधायक थे, लेकिन इस बार उनकी टिकट काटकर संतोष अहलावत को दी। उधर, मंडावा में सांसद नरेन्द्र कुमार की हार का कारण भी कमोबेश यही रहा। साथ ही सांसद रहने के चलते मंडावा पर उतना ध्यान नहीं दे पाएं जितना वोटर चाहते थे। सूत्रों का कहना है कि वैस भी सासंद नरेन्द्र कुमार विधायक का चुनाव लडऩा ही नहीं चाहते थे पर उन्हीं हाईकमान के आदेश पर चुनाव लडऩा पड़ा। सासंद की पुत्रवधू जिला प्रमुख पद आसीन है।
झुंझुनंू: मौजूदा सांसद नरेन्द्र कुमार एवं पूर्व सांसद संतोष अहलावत। जिनकों इस बार का सामना करना पड़ा।