कडे संघर्ष के बाद खींवसर से हनुमान बेनीवाल को मिली जीत
नागौर । नागौर जिले के विधानसभा चुनावों के परिणामों में इस बार भाजपा व कांग्रेस बराबर की स्थिति में रही। भाजपा व कांग्रेस को 4-4 सीटें मिली तो आरएलपी को केवल एक ही सीट नसीब हुई वहीं डीडवाना सीट निर्दलीय के खाते में गई। हमेशा ही चौंकाने वाले चुनावी नतीजे देने वाले नागौर ने इस बार भी करिश्मा कर दिखाया। जिले जैसी सौगात देने वाले डीडवाना के चेतन डूडी व नावां के महेंद्र चौधरी को हार का मुंह देखना पडा। वहीं आरएलपी के हनुमान बेनीवाल ने अपनी पार्टी की लाज खींवसर से चुनाव जीतकर रख ली। हनुमान बेनीवाल भी कडे मुकाबले के बाद बडी मुश्किल से चुनाव जीत पाए।
सुबह 9 बजे शुरू हुई मतगणना
शहर के राजकीय बलदेवराम मिर्धा राजकीय पीजी कॉलेज तथा राजकीय माडी बाई गर्ल्स कॉलेज में मतगणना ठीक 9 बजे शुरू हुई। पुलिस ने इन दोनों कॉलेजों के बाहर की मुख्य सडक पर पहले से ही आवागमन बंद कर दिया था। इसके बावजूद प्रत्याशियों के समर्थक बडी संख्या में बेरीकेडस पर आ डटे। ज्यों ज्यों प्रत्याशी जीते उन्हें जीत का प्रमाण पऋ देकर विदा किया गया तो उनके समर्थक अपने अपने प्रत्याशियों को जुलूस के रूप में लेकर गए। भाजपा के लक्ष्मणराम मेघवाल, मंजू बाघमार, अजय सिंह क्लिक सबसे पहले जीतकर मतगणना केंद्र से बाहर आ गए जबकि हनुमान बेनीवाल व हरेंद्र मिर्धा तथा यूनुस खान सबसे अंतिम राउण्ड में जीतने के बाद अपना प्रमाण पऋ लेने मिर्धा कॉलेज स्थित मतगणना केंद्र पहुंचे।
ये हैं 10 सीटों का परिणाम
नागौर- हरेंद्र मिर्धा कांग्रेस
मेडता- लक्ष्मणराम मेघवाल बीजेपी
खींवसर- हनुमान बेनीवाल आरएलपी
डेगाना- अजयसिंह क्लिक बीजेपी
जायल- डा मंजू बाघमार बीजेपी
डीडवाना- यूनुस खान निर्दलीय
नावां- विजयसिंह चौधरी बीजेपी
मकराना- जाकिर हुसैन गैसावत कांग्रेस
परबतसर- रामनिवास गावडिया कांग्रेस
लाडनूं- मुकेश भाकर कांग्रेस
यूनुस खान का टिकट काटना पडा भारी
भाजपा को डीडवाना में यूनुस खान का टिकट काटना भारी पड गया। यहां यूनुस खान बागी हो गए और निर्दलीय मैदान में उतरे। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के चेतन डूडी को हराया। भाजपा के जितेंद्र सिंह तीसरे नंबर पर रहे। यूनुस खान पहले 2 बार भाजपा से ही डीडवाना सीट से चुनाव जीते हुए थे मगर इस बार भी भाजपा ने यूनुस को टिकट नहीं दिया मगर उन्होंने निर्दलीय जीत कर अपना लोहा मनवा लिया।
चाचा ने हराया भतीजी को
नागौर सीट से भाजपा ने इस बार कांग्रेस से सांसद रही ज्योति मिर्धा को अपने पाले में मिलाकर टिकट दिया मगर कांग्रेस ने उनके रिश्ते में चाचा पूर्व मंऋी हरेंद्र मिर्धा को टिकट दे दिया। हरेंद्र की उम्मीदवारी से ही सारे समीकरण गडबडा गए थे। अंत में चाचा हरेंद्र मिर्धा ने भतीजी ज्योति मिर्धा को शिकस्त दे दी।
आरएलपी को लगा झटका
हनुमान बेनीवाल की आरएलपी को इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पडा। हनुमान बेनीवाल अकेले खींवसर से चुनाव जीते जबकि 2018 में हनुमान खींवसर से, मेडता से इंदिरा बावरी व भोपालगढ से पुखराज गर्ग जीते थे। इस बार आरएलपी ने 81 प्रत्याशी मैदान में उतारे मगर 80 प्रत्याशी चुनाव हार गए केवल हनुमान बेनीवाल ही चुनाव जीत पाए।
नागौर के मिर्धा कॉलेज में जीत के बाद प्रवेश करते नागौर के नवनिर्वाचित कांग्रेस के विधायक हरेंद्र मिर्धा
नागौर के मिर्धा कॉलेज में अपनी जीत का प्रमाण पऋ प्राप्त करते आरएलपी के हनुमान बेनीवाल
नागौर के मिर्धा कॉलेज में जीत के बाद अपने समर्थकों के साथ बीजेपी की जायल से विधायक चुनी गई डा मंजू बाघमार