-कई जगह बैलेट यूनिट व कंट्रोल यूनिट हुईं खराब, वोटिंग भी हुई बाधित
जयपुर, 25 नवंबर (विशेष संवाददाता) : मरुधरा के चुनावी रण में शनिवार को कई राजनीतिक दिग्गजों ने वोटिंग की और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित किया। राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी पत्नी सत्यवती मिश्र के साथ सी स्कीम स्थित मतदान केंद्र पर वोट दिया। वहीं, दोनों पार्टियों के कई दिग्गज नेताओं ने भी जयपुर में वोट डाला। चुनाव लड़ रहे कई प्रत्याशियों का वोट अपनी विधानसभा में नहीं हैं। ऐसे में उन्होंने सुबह होते ही सबसे पहले अपने बूथ पहुंचकर वोटिंग की। फिर अपने विधानसभा क्षेत्र में पहुंच अपने पक्ष में वोटिंग कराने का प्रयास किया। जयपुर के त्रिवेणी नगर स्थित अशोक कुमार स्कूल में बूथ संख्या 155 पर ईवीएम मशीन खराब हो गई। इस कारण मौके पर लंबी लाइन लग गई। जयपुर जिले में मॉक पोल के दौरान 29 बैलेट यूनिट, 27 कंट्रोल यूनिट और 40 वीवीपैट मशीनें खराब हुईं।
बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उप नेता प्रतिपक्ष व आमेर से बीजेपी प्रत्याशी सतीश पूनिया ने झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में मतदान किया। वहीं विद्याधर नगर से बीजेपी प्रत्याशी दिया कुमारी हवामहल विधानसभा क्षेत्र की निवासी हैं। ऐसे में उन्होंने सुबह 7 बजे हवामहल क्षेत्र में पेंशन कार्यालय में बने बूथ में जाकर मतदान किया। उसके बाद वे अपने चुनाव क्षेत्र विद्याधरनगर पहुंची। इसी तरह से आमेर से बीजेपी प्रत्याशी सतीश पूनिया ने भी झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में परिवार के साथ मतदान किया। वहीं, हवामहल से बीजेपी प्रत्याशी बालमुकुंद आचार्य ने भी झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में अपना वोट कास्ट किया। इसके अलावा सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी गोपाल शर्मा ने भी झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में मतदान किया।
कतार में लगकर दी वोट
विद्याधर नगर से कांग्रेस प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल ने विद्याधर नगर के सेक्टर 2 में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में वोट डाला। उन्होंने लाइन में लग कर अपनी बारी का इंतजार किया। इसी तरह से बीजेपी नेता सतीश पूनिया ने भी परिवार संग लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार किया। वहीं सांसद रामचरण बोहरा ने सांगानेर विधानसभा, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने सिविल लाइन्स विधानसभा, बीजेपी की राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर ने भी जयपुर में मतदान किया। वहीं बीजेपी प्रत्याशी कालीचरण सराफ, आदर्श नगर प्रत्याशी रवि नैय्यर, झोटवाड़ा प्रत्याशी राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सांगानेर से कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेन्द्र भारद्वाज ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में ही मतदान किया। इसी प्रकार मुख्य सचिव उषा शर्मा ने लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार किया फिर वोट दी। महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा ने पत्नी रेखा मिश्रा के साथ पोद्दार मूक बधिर संस्थान स्थित मतदान केंद्र पर मतदान किया। इसी प्रकार मेयर सौम्या गुर्जर ने भी लाइन में लगकर अपनी बारी आने का इंतजार किया और वोट दी। वहीं मंत्री महेश जोशी ने अपने पूरे परिवार के साथ डीआरएम ऑफिस बूथ कार्यालय पर मतदान किया। वहीं मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल, गांधी नगर स्थित मतदान केंद्र क्रमांक 53 पहुँच कर मतदान किया।
फस्ट टाइम वोटर से लेकर बुजुर्गों ने किया मतदान
जयपुर में आज मतदान को लेकर उत्साह देखा गया। कई सेंटर पर फर्स्ट टाइम वोटर से लेकर 90 वर्ष तक के बुजुर्ग मतदाओं ने भी मतदान में हिस्सा लिया। सिविल लाइन विधानसभा क्षेत्र के देवी नगर बूथ पर 90 वर्षीय डॉ. केडी शर्मा ने वोट कास्ट किया। वे अपने परिवार के साथ वोट करने पहुंचे। वहीं सिविल लाइन्स में ही बूथ संख्या 189 पर 90 वर्षीय माधवी देवी अपने बेटे किशनलाल जोगी के साथ वोट डालने पहुंची। फस्ट टाइम वोटर को प्रमोट करने के लिए निर्वाचन विभाग की ओर से फर्स्ट टाइम वोटर को वोटिंग के दौरान ही सर्टिफिकेट बनाकर दिया गया।
यहां खराब हुईं मशीनें
कोटपूतली में एक बैलेट यूनिट, विराट नगर में एक बैलेट यूनिट और दो वीवीपैट मशीनें खराब हुईं। शाहपुरा में 4 वीवीपैट, फुलेरा में 1 वीवीपैट, दूदू में 2 बैलेट यूनिट और 5 वीवीपैट खराब हुईं। झोटवाड़ा में एक बैलेट यूनिट दो वीवीपैट मशीन खराब हुई। आमेर में दो बैलेट यूनिट, दो कंट्रोल यूनिट और एक वीवीपैट खराब हुई। हवामहल में 1 बैलेट यूनिट, 2 कंट्रोल यूनिट और 1 वीवीपैट खराब हुई। सिविल लाइन से दो बैलेट यूनिट, 1 कंट्रोल यूनिट और 2 वीवीपैट खराब हुईं। किशनपोल में दो बैलेट यूनिट, 7 कंट्रोल यूनिट और 2 वीवीपैट खराब हुई। आदर्श नगर में दो बैलेट यूनिट, 7 कंट्रोल यूनिट और 2 वीवीपैट खराब हुई। मालवीय नगर में 1 बैलेट यूनिट, 2 कंट्रोल यूनिट और 1 वीवीपैट खराब हुई। सांगानेर में 6 बैलेट यूनिट, 6 कंट्रोल यूनिट और 2 वीवीपैट खराब हुईं। बगरू में 4 बैलेट यूनिट और 5 वीवीपैट खराब हुईं। बस्सी में 1 बैलेट यूनिट और 7 कंट्रोल यूनिट खराब हुईं। चाकसू में 1 बैलेट यूनिट खराब हुई।
राजस्थान में पांच साल का वोटिंग प्रतिशत
मरुधरा के विधानसभा चुनाव में वर्ष 2018 में 74.06 परसेंट, 2013 में 75.04, वर्ष 2008 में 66.25, वर्ष 2003 में 67.18, वर्ष 1998 में 63.39, वर्ष 1993 में 60.59, वर्ष 1990 में 57.09, वर्ष 1985 में 54.93 तो वर्ष 1980 में 51.06 परसेंट वोटिंग हुई थी। इस बार चुनाव आयोग ने होम वोटिंग की सुविधा शुरू कर वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास किया है। साथ ही आयोग के अलावा तमाम सामाजिक संगठन, एनजीओ भी लोगों को वोट करने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
वोटिंग करने गए 4 वोटर्स की मौत
झालावाड़ के खानपुर बकानी क्षेत्र के मोल्क्या कलां गांव में कन्हैयालाल नाम के एक बुजुर्ग कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान कतार में खड़े-खड़े ही वे बेसुध हो गए और गश खाकर जमीन में गिर गया। उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। यहां चिकित्सकों ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसी प्रकार पाली के सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र में एक पोलिंग एजेंट की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। यह वाक्या मनिहारी गांव के एक बूथ का बताया जा रहा है। मृतक पोलिंग एजेंट की पहचान 65 वर्षीय शांतिलाल राजपुरोहित के तौर पर बताई जा रही है। वहीं उदयपुर ग्रामीण के भी एक पोलिंग बूथ पर 69 साल के वोटर्स की कुछ ऐसी हुई मौत हुई। इसी प्रकार अजमेर जिले के पुष्कर विधानसभा में 81 साल के त्रिलोक चंद नाहर की मतदान के बाद घर पहुंचते ही मौत हो गई। कुछ जगह पोलिंग कर्मियों की तबीयत बिगड़ गई।
सबसे कम, सबसे ज्यादा वोटिंग
शाम 5 बजे तक सबसे ज्यादा वोटिंग जैसलमेर जिले में 76.57 फीसदी हुई। वहीं, सबसे कम मतदान पाली जिले में 60.71 प्रतिशत हुआ है। राजस्थान में शाम 5 बजे तक 68.24 फीसदी मतदान हुआ है
—————-
लोकतंत्र का महापर्व : कहीं झड़प, कहीं फर्जी वोटिंग, मारपीट व बवाल
-कामां में कांग्रेस प्रत्याशी के बेटे से मारपीट तो फतेहपुर में 2 गुटों में तनाव
-कुछ जगह फर्जी वोटिंग की भी शिकायत, बीजेपी प्रत्याशी बैठे धरने पर
जयपुर, 25 नवंबर (विशेष संवाददाता) : राजस्थान विधानसभा चुनाव पूरे प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीके से हुए हालांकि कुछ जगहों पर छिटपुट तो कहीं से बवाल की खबरें आई हैं। कुछ जगह आपस में मारपीट तो कुछ जगह फर्जी वोटिंग की शिकायत के बाद बवाल हो गया। झोटवाड़ा बीजेपी प्रत्याशी राज्यवर्धन राठौड़ ने फर्जी वोटिंग पर बूथ पर ही धरना दे दिया।
सीकर की फतेहपुर विधानसभा सीट पर मतदान के बीच दो पक्ष आपस में भिड़ गए। यहां पर पुलिस को स्थितियां संभालने के लिए यहां हवाई फायर भी करना पड़ा है। फतेहपुर स्थित बोचीवाल भवन के पीछे स्थित एक मोहल्ले में किसी बात को लेकर दो गुटों के बीच पहले कहासुनी हुई, और फिर देखते ही देखते मारपीट होने लगी। विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर जमकर पथराव किया। दोनों तरफ से बेकाबू हुई स्थितियों से मौके पर तनाव की स्थिति बन गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस और चुनाव ड्यूटी में तैनात अन्य सुरक्षा कर्मी मौके पर पहुंचे और स्थिति संभाली। वहीं धौलपुर जिले के बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के अब्दुलपुर गांव में मतदान के दौरान दो पक्षों में विवाद हो गया। इसके बाद विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्ष एक-दूसरे पर पथराव करना शुरु कर दिया। इसके बाद मतदान केंद्र पर हडक़ंप मच गया। गांव में फर्जी मतदान को लेकर बीएसपी प्रत्याशी जसवंत सिंह गुर्जर एवं भाजपा प्रत्याशी गिर्राज सिंह मलिंगा के समर्थक आपस में भीड़ गए। वहीं भरतपुर के कामां से कांग्रेस प्रत्याशी जाहिदा खान के पुत्र पहाड़ी पंचायत समिति प्रधान साजिद खान से मारपीट मामला सामने आया है। इस दौरान पुलिस व समर्थकों में जमकर हाथापाई हो गई। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ा। यह घटना पहाड़ी के सांवलेर गांव की बताई जाती है। इसी प्रकार चूरु जिले की सरदारशहर सीट पर मारपीट का मामला सामने आया है। राजकीय अंजुमन विद्यालय के मतदान बूथ पर पार्षद प्रतिनिधि आसिफ खोखर के मारपीट का मामला सामने आया है। जिसके बाद से वहां माहौल गरमा गया है। इसी प्रकार टोंक जिले के देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र के बूथ 197 पर एक साथ मतदाताओं की भीड़ उमडऩे पर हुई अव्यवस्था। इस बीच दो पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी हो गई। पुलिस को आंसू गैस छोडऩी पड़ी। आंसू गैस के चलते कई मतदाता केंद्र के बाहर आ गए।
फर्जी मतदान को लेकर विवाद, पुलिस से उलझे भाजपा प्रत्याशी महरिया
हॉट सीट लक्ष्मणगढ़ में कड़े चुनावी मुकाबले बीच फर्जी मतदान को लेकर बड़ी खबर आई है। जिसको लेकर भाजपा प्रत्याशी व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया पुलिसकर्मियों से उलझ गए। काफी देर तक गाडोदा में गहमागहमी का माहौल रहा। जानकारी के अनुसार गाडोदा में भाजपाइयों ने एक पोलिंग बूथ पर कांग्रेस के एजेंटो द्वारा फर्जी मतदान की शिकायत की थी। उनका आरोप था कि भाजपाइयों को मतदान केंद्र में ही नहीं जाने दिया जा रहा। सूचना पर सुभाष महरिया मौके पर पहुंचे और अव्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने पुलिसकर्मियों से बात की। जहां कार्यकर्ताओं को तल्खी दिखाने पर वे पुलिसकर्मियों से उलझ गए। आरोप है कि एकबारगी तो उन्होंने पुलिसकर्मियों की कॉलर भी पकड़ ली। काफी देर की गहमागहमी के बाद मामला एजेंट बदलने पर शांत हुआ।
हवा महल व आदर्श नगर में विवाद
बीजेपी ने सामुदायिक भवन जमडोली आदर्श नगर में पब्लिक को वोट डालने से रोकने की शिकायत करते हुए कहा कि वहां पर वोटर्स को परेशान किया जा रहा है। इसी प्रकार हवामहल विधानसभा वार्ड 12 में सुंदर लोन के धु्रवबाल शिक्षा निकेतन बूथ पर लोगों ने किया हंगामा। करीब 400-500 के करीब मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से ग़ायब होने का आरोप लगाया। बाद में अधिकारियों ने उन्हें समझाइश देकर शांत किया। इसी प्रकार सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र में पोलिंग बूथ के 200 मीटर के दायरे में लगे पार्टी के झंडों को चुनाव आयोग की टीम ने हटवाया। सिविल लाइंस में भाजपा कार्यकर्ता से कुछ लोगों का झगड़ा हो गया। पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
फर्जी वोटिंग का आरोप, बीजेपी प्रत्याशी राठौड़ बैठे धरने पर
राजस्थान विधानसभा चुनाव में मतदान के दिन जयपुर के झोटवाड़ा विधानसभा सीट के एक मतदान केंद्र पर खासा हंगामा हुआ। यहां फर्जी वोटिंग की शिकायत ने देखते ही देखते इतना ज्यादा तूल पकड़ लिया कि भाजपा प्रत्याशी राज्यवर्धन सिंह ना सिर्फ मौके पर पहुंचे बल्कि उन्होंने यहां धरने पर बैठकर अपना विरोध भी दर्ज करवाया। घटनाक्रम का पता चलने पर कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक चौधरी भी मौके पर पहुंच गए। कांग्रेस-भाजपा के दोनों प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के एक जगह पर पहुंचने से कुछ देर के लिए झोटवाड़ा के सिंवार ग्राम पंचायत स्थित पोलिंग बूथ पर विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। मौके पर पहुंचे राठौड़ ने बूथ पर ही धरना दे दिया। इस घटनाक्रम के बीच मतदान केंद्र पर कुछ देर के लिए मतदान बाधित रहा। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने दोनों प्रत्याशियों को समझा-बुझाकर मामला शांत करवाया जिसके बाद पोलिंग शुरु हुई। वहीं आदर्श नगर में वोटर्स को रिझाने वाले एक फर्जी पर्यवेक्षक को लोगों ने पकडक़र पुलिस के हवाले किया। इसी प्रकार चांदपोल में कांग्रेसी आपस में भिड़ गए।
फर्जी वोटिंग व किडनैप का प्रयास
सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र में सुशीलपुरा स्थित वार्ड नंबर-45 में वोटिंग के दौरान हंगामा हुआ। भाजपा कार्यकर्ता दीपक शर्मा ने आरोप लगाया कि सुबह करीब 9 बजे अपने साथी कार्यकर्ताओं के साथ वोटिंग की पर्चियां बांट रहे थे। उसी दौरान दो गाडिय़ों में कांग्रेस के 8-10 लोग आए और आते ही गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। विरोध करने पर मेरे साथ मारपीट की और जबरन गाड़ी में डालकर किडनैप करने की कोशिश की। बीजेपी नेताओं का कहना है कि हंगामा होने पर साथियों के साथ विरोध में आए लोगों को देखकर कांग्रेस के लोग अपनी गाड़ी में बैठकर भाग निकले। हंगामे की सूचना पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और शांति व्यवस्था बनाई। सोडाला पुलिस ने मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया है।
————–
मरुधरा की हॉट सीट पर घमासान, कहीं त्रिकोणीय तो कहीं चतुष्कोणीय मुकाबला
-राजनैतिक पार्टियों के कई बड़े चेहरे अपनी ही सीट पर फंसे तो कुछ सेफ
-बीजेपी के सीएम फेस वाले अधिकतर चेहरे अपनी विधानसभा में कर रहे संघर्ष
जयपुर: मरुधरा के 199 सीटों पर शनिवार को मतदान का दौर चला। मरुधरा में कांग्रेस-बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला नजर आ रहा है। हालांकि कुछ सीटों पर अवश्य कुछ छोटी पार्टियां इनको टक्कर देते हुए नजर आ रही हैं लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस-बीजेपी के बीच ही है। प्रदेशवासियों की अपनी विधानसभा सीट के साथ मरुधरा की हॉट सीट पर भी नजर है। इन सीट पर राजनैतिक पार्टियों के दिज्गज चुनावी मैदान में हैं। इस बार कई बड़े चेहरे अपनी ही सीट पर फंसे नजर आ रहे हैं, तो कुछ सेफ मोड में भी दिख रहे हैं। प्रदेश के जादूगर व सरदारपुरा के सरदार सीएम अशोक गहलोत अपनी सीट पर पूरी तरह सेफ हैं और इसी के चलते उन्होंने अपनी सीट के बजाए पार्टी के दूसरे प्रत्याशियों की जीत के लिए काफी मेहनत की है। बीजेपी की बात करें तो पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी अपनी सीट के बजाए अपने करीबी पार्टी प्रत्याशी करीब एक-डेढ़ दर्जन प्रत्याशियों की जीत के लिए कई सभाएं की। वहीं बीजेपी में स्वयंभू सीएम फेस के नेता इस समय अपनी ही सीट पर जीत के लिए जद्दोजहत करते नजर आ रहे हैं। इसी के चलते उन्होंने अपनी सीट पर सर्वाधिक मेहनत की है। हालांकि दो-चार आसपास की सीट पर उन्होंने कुछ सभाएं अवश्य की लेकिन पूरा ध्यान अपनी ही सीट पर रहा। कई हॉट सीट वाले बड़े चेहरे कहीं त्रिकोणीय तो कहीं चतुष्कोणीय मुकाबला करते नजर आ रहे हैं। इस चुनाव में बीजेपी ने 7 सांसद चुनाव में उतारे हैं, इनमें से 6 सांसदों को अपनी सीट पर काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। सिर्फ दिया कुमारी ही फिलहाल सेफ नजर आ रहीं हैं। पंजाब केसरी प्रदेश की हॉट सीटों की वस्तुस्थिति आपके सामने पेश कर रहा है।
सरदारपुरा : इस सीट पर सीएम अशोक गहलोत मैदान में हैं। वर्ष 1998 से लेकर वह अब तक इसी सीट से विधायक हैं। तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इस बार उनका मुकाबला भाजपा के डॉ. महेंद्र सिंह राठौड़ से है। अशोक गहलोत 1980 से लेकर 1998 तक पांच बार सांसद रह चुके हैं। गहलोत इस सीट पर सेफ नजर आ रहे हैं। इसी के चलते उन्होंने प्रदेशभर में पार्टी प्रत्याशियों की जीत के लिए काफी सभाएं की। सीट पर मुकाबला नहीं है लेकिन चर्चा अवश्य की है।
झालरापाटन : दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकीं वसुंधरा राजे इस सीट से चुनाव लड़ रही हैं। वे इस सीट से लगातार 4 बार जीत दर्ज करवा चुकी हैं। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के रामलाल चौहान से है। वसुंधरा राजे पांच बार सांसद रही हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं। इस सीट पर वह सेफ हैं और इसी के चलते उन्होंने पार्टी के व अपने करीबियों को जीताने के लिए काफी प्रयास किए हैं। मुकाबला नहीं है लेकिन इस पर सबकी नजर अवश्य है।
टोंक : इस सीट से प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट मैदान में हैं। 2018 में वो वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे यूनुस खान को हराकर पहली बार विधायक बने। गहलोत कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री भी रहे। इस बार उनका मुकाबला पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता से है। सचिन 2004, 2009 में सांसद रह चुके हैं। यूपीए के दूसरे कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। 2014 में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष बने। इस सीट पर हालांकि पायलट का पलड़ा भारी है लेकिन फिर भी उन्होंने कोई रिस्क लेना उचित नहीं समझा और अपनी सीट पर काफी मेहनत की। हालांकि अपने गुट व कांग्रेस पार्टी के दूसरे प्रत्याशियों के लिए भी सभाएं की हैं।
तारानगर : बीजेपी के राजेंद्र राठौड़ इस बार चुरू से सीट बदलकर तारानगर से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला मौजूदा विधायक कांग्रेस के नरेंद्र बुडानिया से है। राजेंद्र 7 बार विधायक व मंत्री भी रह चुके हैं। वे 1990 में पहली बार विधायक बने थे। इस बार चूरू में कड़ा मुकाबला था और 2018 में वह काफी कम अंतर से जीते थे। इसी के चलते उन्होंने सीट चेंज की लेकिन जाट बाहुल्य सीट पर बुडानिया उन्हें कड़ी टक्कर दे रहें हैं। इसी के चलते यहां पर पीएम नरेंद्र मोदी की जनसभा आहूत करनी पड़ी। मुकाबला कड़ा होने के चलते ही राठौड़ अपनी सीट व आसपास की चार-पांच सीट तक ही सभाएं कर पाए।
आमेर : बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया इस सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। इनकी गिनती राज्य के बड़े जाट नेताओं में होती है। इस बार भी उनका मुकाबला 2018 के कांग्रेस प्रत्याशी प्रशांत शर्मा से ही है। पूनिया 2018 में पहली बार विधायक बने थे। 2013 में वह मामूली वोट से चुनाव हारे थे। इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी प्रशांत शर्मा, आरएलपी के विनोद जाट व बीजेपी के बागी राजकुमार बागड़ा के होने से यहां चतुष्कोणीय मुकाबला नजर आ रहा है। जाट व ब्राह्मण बाहुल्य इस सीट पर वोटों के बंटने से पूनिया भी फंसते नजर आ रहे हैं। कड़ा मुकाबला होने के चलते पूनिया ने आसपास की तीन-चार सीटों तक ही प्रचार किया बाकी अपनी सीट पर पूरा समय दिया।
कोटा उत्तर : यहां से सरकार के सबसे दमदार मंत्री शांति धारीवाल कांग्रेस से और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के खास माने जाने वाले प्रह्लाद गुंजल मैदान में हैं। यहां मुकाबला बेहद रोचक है, क्योंकि गुंजल पहले भी धारीवाल को हरा चुके हैं। धारीवाल कोटा में किए गए विकास कार्यों के दम व आखिरी चुनाव के चलते सहानुभूति लेने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन मुकाबला कड़ा है।
नागौर : इस सीट पर कांग्रेस की ओर से हरेंद्र मिर्धा और बीजेपी की ओर से उनकी भतीजी ज्योति मिर्धा के बीच मुख्य टक्कर है। ज्योति कांग्रेस से सांसद भी रहीं हैं और चुनाव के पहले वह बीजेपी में आ गईं थीं। यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला बताया जा रहा है। निर्दलीय प्रत्याशी हबीबुर्रहमान जो कांग्रेस और भाजपा दोनों के टिकट पर यहां से विधायक रह चुके हैं वह दोनों पार्टी को कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं।
शिव : इस सीट पर पांचकोणीय मुकाबला है। कांग्रेस से अमीन खान और भाजपा से स्वरूप सिंह खारा के सामने तीन बागी हैं। अमीन खान अपनी ही पार्टी के फतेह खान की चुनौती है तो स्वरूप सिंह खारा के समक्ष रविंद्र सिंह भाटी और पूर्व विधायक जालम सिंह रावलोद चुनौती हैं। यहां के परिणाम पूरे प्रदेश की नजर है।
धौलपुर : यहां से भाजपा की ओर से शिवचरण कुशवाहा और कांग्रेस की ओर से शोभारानी कुशवाहा चुनाव मैदान में हैं। दोनों रिश्ते में जीजा-साली हैं, लेकिन सबसे रोचक यह है कि दोनों ने इस बार पार्टियां बदल ली हैं। शोभारानी पिछली बार भाजपा से थीं और शिवचरण कांग्रेस से। इस बार उलटा हो गया है। यहां भी कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है।
लक्ष्मणगढ़ : कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का मुकाबला पहले भाजपा फिर कांग्रेस और अब फिर भाजपा में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया से है। यहां की लड़ाई रोचक है। मुकाबला कड़ा होने के चलते डोटासरा ने इस बार अपना पूरा समय अपनी ही सीट को दिया है। इसके परिणाम पर सभी की नजर है और यहां उल्टफेर की बात कही जा रही है।
विद्याधर नगर : यहां से बीजेपी ने सांसद दिया कुमारी को टिकट दिया है जो जयपुर की राजकुमारी भी हैं। पार्टी उन्हें एक बड़े चेहरे के रूप में आगे बढ़ाती दिख रही हैं और उनका मुकाबला कांग्रेस के कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवाल से है जो पिछले पांच साल अपने एरिया में काफी सक्रिय रहे। बीजेपी के मौजूदा विधायक नरपत सिंह राजवी की टिकट कटने से यहां पर भीतरघात की बात भी कही जा रही है। सीताराम ने महल व आम आदमी का नारा देकर चुनाव रोचक जरूर बनाया है लेकिन यहां पर दिया कुमारी का पलड़ा पूरी तरह भारी है।
नाथद्वारा : में बीजेपी के विश्वराज सिंह मेवाड़ एवं कांग्रेस के डॉ सीपी जोशी के बीच सीधा मुकाबला है। विश्वराज सिंह चुनाव के समय ही बीजेपी में शामिल हुए थे। मेवाड़ शाही परिवार से ताल्लुक रखने के वाले विश्वराज और विधानसभा स्पीकर डॉ. जोशी के बीच सीधी टक्कर है। सभी की नजर यहां पर है और पूर्व में डॉ. जोशी एक सीट से हारकर पूरे देश में चर्चित हुए थे।
खींवसर : यह सीट भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार नहीं, बल्कि राजस्थान में तीसरी ताकत के रूप में उभर रहे आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल के कारण चर्चा में हैं। वे यहां चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी ने रेवतराम डांगा और कांग्रेस ने तेजपाल मिर्धा को चुनाव में उतारा है। सभी राजनैतिक दल के नेता व प्रदेश के लोगों की नजर इस सीट पर है।
तिजारा : इस सीट पर भाजपा ने सांसद बाबा बालकनाथ को और कांग्रेस ने इमरान खान को टिकट दिया है। यह सीट राजस्थान में हिंदु-मुस्लिम वोटों के धु्रवीकरण की सबसे बड़ी सीट मानी जा रही है। बीजेपी से टिकट मांग रहे मम्मन सिंह यादव शुरू में अपनी टिकट कटने से नाराज थे लेकिन बाद में मान गए। बावजूद भीतरघात की बात कही जा रही है। मुकाबला कड़ा है और इसी के चलते युपी के फायर ब्रांड सीएम योगी आदित्यनाथ ने यहां दो बार जनसभा कर हिंदु वोट को एकजुट करने की कोशिश की है। मुकाबला कड़ा होने के चलते बाबा बालकनाथ ने अपना पूरा समय अपनी ही सीट पर दिया।
सवाई माधोपुर : बीजेपी ने यहां से चर्चित चेहरा रहे सांसद किरोड़ीलाल मीणा को टिकट दिया है और उनके सामने हैं कांग्रेस के दानिश अबरार। लेकिन चुनाव रोचक बना रही हैं, भाजपा की बागी आशा मीणा जो किरोडीलाल मीणा के लिए बड़ी चुनौती साबित होती दिख रही हैं। यह मुकाबला भी कड़ा है और सभी की नजर इस सीट के परिणाम पर है। किरोड़ीलाल मीणा भी यहां संघर्ष कर रहे हैं और इसी के चलते उन्होंने अपना पूरा समय अपनी ही सीट पर दिया।
झोटवाड़ा : इस सीट पर बीजेपी के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ हैं। कांग्रेस ने मंत्री लालचंद कटारिया द्वारा चुनाव लडऩे से इंकार करने पर पार्टी ने युवा अभिषेक चौधरी को चुनाव में उतारा है। इस सीट पर बीजेपी की ओर से पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत व आशु सिंह सुरपुरा भी टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने राठौड़ पर दांव लगाया। इसके चलते दोनों ने बागी रूप से नामांकन दाखिल कर दिया। बाद में शेखावत मान तो गए लेकिन चुनाव प्रचार में कहीं नजर नहीं आए। वहीं संघ पृष्ठभूमि के आशु सिंह बीजेपी को कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं। इसी के चलते सांसद राठौड़ यहां पर फंसते नजर आ रहे हैं और यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला बना हुआ है। सभी की नजर इस सीट पर है और यहां के परिणाम को लेकर कोई भी खुलकर कुछ भी कहने से बच रहा है।