लगातार 15 साल तक कांग्रेस का रहा है कब्जा, क्या भाजपा दोहरा पाएगी जीत… दोनों के बीच कूद पड़ी आम आदमी पार्टी
युवा वर्ग की दिल की धड़कन बनी आम आदमी पार्टी……..
हरमाड़ा राजस्थान में चुनावी अखाड़ा सज चुका है. आमेर विधानसभा सीट जयपुर जिले में आती है. यह सीट महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने कब्जा किया था. इस बार भी यहां दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा. क्योंकि यहां बीजेपी के सतीश पूनिया और कांग्रेस के प्रशांत शर्मा के बीच टक्कर हुई थी. इस बार इन दोनों के बीच में तीसरा उम्मीदवार सामने हैं. आम आदमी पार्टी से पीएस तोमर हालांकि विधायक सतीश पूनिया भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान उपनेता प्रतिपक्ष हैं. पिछले चुनाव में सतीश पूनिया को 93132 वोट मिले थे जबकि प्रशांत शर्मा को 79856 वोट मिला था. सतीश पूनिया ने प्रशांत शर्मा को 13276 वोटों से हराया था. मतदाता की बात करें तो इस सीट पर कुछ 247549 मतदाता हैं। लेकिन अबकी बार मुकाबला रोचक है। सतीश पूनिया से सब लोग खफा है। वहीं लोगों को कांग्रेस के ऊपर भी विश्वास नहीं है।
लोगों ने तीसरा विकल्प आम आदमी पार्टी को चुना है जिसका प्रत्याशी (पूर्व न्यायाधीश) है। नेक और ईमानदार अच्छी छवि और कानून का ज्ञाता खड़ा है। जिसके चलते दोनों पार्टियों में खलबली मची हुई है। अबकी बार लोगों ने तीसरा विकल्प चुनने की पूरी तरह से ठान ली है। क्योंकि आज तक आमेर विधानसभा क्षेत्र में ऐसा कोई चेहरा पिछले 20 सालों में नहीं आया अबकी बार जो चेहरा आया है। वह लोगों को काफी रास आ रहा है। बस लोगों की एक ही ख्वाहिश है आमेर विधानसभा क्षेत्र भी दिल्ली और पंजाब की तरह बन जाए
क्या है इस सीट का इतिहास
2013 के विधानसभा चुनाव में आमेर विधानसभा क्षेत्र में एनपी प्रत्याशी नवीन पिलानी को जीत मिली थी और उन्हें कुल 51103 वोट हासिल हुए थे. इस चुनाव में उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार सतीश पूनिया को 339 वोटों से हराया था. उस समय पूनिया को कुल 50774 वोट मिले थे. इस सीट पर साल 1998, 2003 और 2008 में लगातार तीन बार कांग्रेस पार्टी ने कब्जा जमाया.साल 1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सहदेव शर्मा ने यहां से जीत हासिल की थी. वहीं 2003 में लालचंद कटारिया यहां से जीत कर आए और 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के गंगा सहाय शर्मा ने इस सीट से जीत हासिल की. हालांकि 2013 में यहां से एनपी के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की. इसके बाद 2018 में सतीश पूनिया ने इस सीट को भारतीय जनता पार्टी के खाते में डाल दिया। लेकिन अबकी बार जनता सतर्क हो गई है दोनों ही पार्टियों को नकारा जा रहा है क्योंकि युवा वर्ग के लिए आम आदमी पार्टी रास आ रही है।