आयुर्वेद कंपाउंडर भर्ती में एक हाथ से दिव्यांग को आरक्षण का लाभ क्यों नहीं

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जयपुर, 30 अक्टूबर। राजस्थान हाईकोर्ट ने आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी कंपाउंडर भर्ती-2023 में एक हाथ से दिव्यांग को आरक्षण का लाभ नहीं देने और उसका ऑनलाइन आवेदन स्वीकार नहीं करने के मामले में चिकित्सा सचिव, आयुर्वेद सचिव और सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से जवाब तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता का आवेदन स्वीकार करने को कहा है। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश गुमान सिंह की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने गत 6 अक्टूबर को आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी कंपाउंडर के 881 पदों के लिए भर्ती निकाली। भर्ती के लिए सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय को अधिकृत किया गया। इस भर्ती में एलवी, एचएच, ओएल कैटेगरी के दिव्यांग को आरक्षण का लाभ दिया गया। जबकि इसमें ओए कैटेगरी को शामिल नहीं किया गया। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने आयुर्वेद कंपाउंडर के ओए कैटेगरी में आवेदन करना चाहा, लेकिन इसका ऑनलाइन विकल्प ही नहीं रखा गया। जिसके चलते वह भर्ती में आवेदन नहीं कर पाया। याचिका में बताया गया कि केन्द्र सरकार ने 7 जनवरी, 2021 को अधिसूचना जारी कर नर्सिंग पद के लिए एक हाथ से दिव्यांग अभ्यर्थी को भी योग्य मानते हुए आरक्षण के लिए पात्र माना है। जबकि राज्य सरकार एक हाथ से दिव्यांग को कंपाउंडर कार्य के लिए पात्र नहीं मान रही है। याचिका में यह भी बताया गया कि याचिकाकर्ता ने एक हाथ से दिव्यांग रहने के दौरान ही कंपाउंडर का संबंधित डिप्लोमा किया है और प्रशिक्षण के दौरान ही उसने मरीजों की देखभाल भी की है। ऐसे में उसे इस भर्ती के लिए अपात्र नहीं किया जा सकता। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ता का आवेदन स्वीकार करने को कहा है।

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