जयपुर, 23 अक्टूबर (ब्यूरो): सांगानेर विधानसभा को भाजपा का गढ़ माना जाता है। इसका कारण है कि बीते चार विधानसभा चुनाव में यहां भाजपा की जीत हुई। मगर इस बार नए चेहरे को उम्मीदवार बनाना भाजपा के लिए भारी पड़ रहा है। भरतपुर के भजनलाल का विरोध हो रहा है। इधर, कांग्रेस ने पूर्व प्रत्याशी पुष्पेंद्र भारद्वाज पर विश्वास जताया है। उनकी तरफ लोगों का रूझान भी देखने को मिल रहा है। हालांकि दोनों प्रत्याशी अपनों की नाराजगी का दंश भी झेल रहे है। वर्तमान विधायक अशोक लाहोटी का टिकट कटने से उनके समर्थक भारी विरोध कर रहे है। वहीं, भारद्वाज पूर्व पार्षदों की नाराजगी दूर करने की कोशिश कर रहे है।
दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के पूर्व पार्षद एवं उपनेता प्रतिपक्ष धर्मसिंह सिंघानिया और चेयरमैन कमल वाल्मीकि पंडित सुरेश मिश्रा के साथ थे। मगर टिकट भारद्वाज को मिला। अपनों की नाराजगी के कारण भारद्वाज को पिछले चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा है। उसके बाद निकाय चुनाव में भारद्वाज ने अपने राजनैतिक प्रभाव के चलते सिंघानिया और वाल्मीकि को पार्षद के टिकट से वंचित कर दिया। ये घटनाक्रम उनके बीच दूरियां का कारण बनकर सामने आए। अब फिर भारद्वाज मैदान में है। इस बार वे रूठे हुए को मनाने में जुटे है।
भरतपुर से सांगानेर पहुंचे भजन
भजनलाल भरतपुर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके है। उस चुनाव में उनकी जमानत जब्त हुई थी। उसके बाद वे भाजपा के पाले में चले गए। संगठन में रहकर सेवा दी। उसी सेवा का प्रतिफल सांगानेर में विधायक प्रत्याशी के रूप में मिला। यहां उनके सामने समस्या है कि जनता उन्हें जानती ही नहीं। संगठन के दबाव में कुछ पार्षद साथ खड़े हो रहे है। इधर, लाहोटी खेमा उग्र रूप से विरोध कर रहा है।