इंतजार खत्म, कांगे्रस के 33, भाजपा के 83 प्रत्याशियों का ऐलान

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– कांग्रेस ने मौजूदा विधायक और मंत्रियों पर लगाया दांव
– भाजपा ने नाराज पूर्व मंत्री राजवी को चित्तौडग़ढ़ से टिकट थमाया, सांसद दीया कुमारी का रास्ता साफ
– राजे को परंपरागत सीट से 5वीं बार तो नेता प्रतिपक्ष राठौड़ को तारानगर भेजा
– मेवाड़ राजघराने के विश्वराज मेवाड़ को नाथद्वारा से उतारकर कांग्रेस के सीपी जोशी की मुश्किलें बढ़ाईं

जयपुर, 21 अक्टूबर (विसं) : आखिरकार शनिवार को भाजपा ने अपनी दूसरी और कांग्रेस ने पहली सूची जारी कर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने 33 तो बीजेपी ने 83 प्रत्याशियों का ऐलान किया है। बीजेपी अब तक कुल 124 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर चुकी है।
विरोध और बगावत से बचने के लिए कांग्रेस ने पहली सूची सोच-समझकर जारी की है। यही कारण है कि कांग्रेस की इस सूची में ज्यादातर मौजूदा विधायक और मंत्रियों के नामों को प्राथमिकता दी गई है। वहीं, तीन ऐसे प्रत्याशी मैदान में उतारे गए हैं, जो पिछली बार चुनाव हार गए थे।
भाजपा की पहली सूची में राजे समर्थक ना के बराबर थे। अब दूसरी सूची में उनको महत्व देकर सामंजस्य बनाने का प्रयास किया गया है। इस बार नाथद्वारा में रोचक मुकाबला हो सकता है। यहां कांग्रेस ने विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी पर दांव लगाया है, तो बीजेपी ने हाल में पार्टी ज्वाइन करने वाले मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ को चुनावी मैदान में उतारा है।

दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पर पार्टी का परंपरागत सीट चूरू से चुनाव लडऩे का दवाब था। वे पिछली बार यहां से करीब 1800 वोटों से जीते थे। इसके चलते इस बार यह सीट फंसी हुई नजर आ रही थी। यही कारण था कि राठौड़ चूरू के बजाय जयपुर शहर या तारानगर की सेफ सीट मांग रहे थे। अंतत: पार्टी को उनकी मांग पूरी करनी पड़ी और उन्हें तारानगर से चुनाव लड़ाया जाएगा। हालांकि राठौड़ तारानगर से पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं।
पहली लिस्ट में पूर्व उपराष्ट्रपति स्व. भैंरोसिंह शेखावत के दामाद पूर्व मंत्री नरपत सिंह राजवी के टिकट कटने से मचे विवाद को ड्रेमेज कंट्रोल करने के लिए पार्टी ने उन्हें उनकी पुरानी सीट चित्तौडग़ढ़ से उतारकर राजसमंद सांसद दीयाकुमारी की विद्याधरनगर सीट को सेफ कर दिया है।

भाजपा ने मौजूदा 56 विधायकों पर लगाया दांव
पहली लिस्ट जारी होने के साथ ही शुरू हुई बगावत से सबक लेकर भाजपा ने इस बार काफी मंथन कर विवाद से बचने की कोशिश की है। यही कारण है कि दूसरी सूची में 56 मौजूदा विधायकों पर दांव लगाया है। इस सूची के माध्यम से बीजेपी ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की नाराजगी भी दूर करने का प्रयास किया है। सूची में उनके करीब 11 प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारकर सामंजस्य का संकेत दिया है।
भाजपा ने 7 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे
भाजपा ने दूसरी सूची में मौजूदा 7 विधायकों के टिकट काटे हैं। वहीं, अपने 9 पूर्व मंत्रियों को वापस चुनाव मैदान में उतारा है। मालवीय नगर से कालीचरण सराफ को टिकट देकर पार्टी ने फिर सबको चौंका दिया है। इस बार 16 विधानसभाओं में नए प्रत्याशी उतारकर मुकाबला रोचक बनाने का प्रयास किया गया है।

नारी शक्ति वंदन बिल सिर्फ मुद्दा
भाजपा ने कुछ समय पूर्व संसद में नारी शक्ति वंदन बिल को मुद्दा बनाकर उसका फायदा उठाने का प्रयास किया था, लेकिन अब जब टिकट वितरण की बारी आई तो उसमें ‘नारी शक्ति वंदन’ जैसा कुछ नहीं दिखा। बीजेपी की पहली सूची में 41 में से 4 महिला प्रत्याशियों को मौका देकर करीब साढ़े 4 परसेंट आरक्षण दिया गया। वहीं, अब दूसरी सूची में 10 महिलाओं को टिकट देकर लगभग 12 परसेंट आरक्षण देने की कोशिश की गई है। कांग्रेस की बात करें तो उसने 33 प्रत्याशियों की लिस्ट में 22 परसेंट आरक्षण देते हुए 7 महिला प्रत्याशियों को टिकट थमाया है।

भाजपा-कांग्रेस की महिला प्रत्याशी
बीजेपी ने दोनों सूची में अभी तक राजकुमारी जाटव, संतोष मेघवाल, दीया कुमारी, कृष्णा कटारा, संतोष बावरी, सिद्धि कुमारी, संतोष अहलावत, अनीता भदेल, मंजू बाघमार, डॉ. ज्योति मिर्धा, सुमिता भींचर, शोभा चौहान, दीप्ती महेश्वरी और वसुंधरा राजे को चुनावी मैदान में उतारा है। कांग्रेस की बात करें तो उसने रीता चौधरी, डॉ. अर्चना शर्मा, ममता भूपेश, मंजू देवी, दिव्या मदेरणा, मनीषा पंवार और प्रीति गजेंद्र सिंह शेखावत को टिकट दिया है।
कांग्रेस में सभी बड़े चेहरों को मौका
कांग्रेस में टिकट ऐलान से पहले जयपुर सेदिल्ली तक घमासान मचा था। पार्टी ने विरोध से बचने के लिए पहली सूची छोटी निकालते हुए सेफ गेम खेलने का प्रयास किया है। इसमें भी उसने मौजूदा विधायक और मंत्रियों के अलावा 3 ऐसे प्रत्याशियों पर दांव लगाया है जो 2018 में चुनाव हारे थे, लेकिन अपने विधानसभा क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे।
कांग्रेस की लिस्ट में सीएम अशोक गहलोत, स्पीकर डॉ. सीपी जोशी, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के अलावा 5 मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय, ममता भूपेश, भंवरसिंह भाटी, टीकाराम जूली, अशोक चांदना का नाम शामिल है। बाकी मौजूदा विधायकों को जगह दी गई है। साल 2018 में पार्टी के खिलाफ बगावत कर चुनाव लडऩे वाले एक प्रत्याशी को भी टिकट थमाया है। उप चुनाव जीतने वाले तीनों विधायकों को पहली लिस्ट में जगह दी गई है।

समर्थकों के लिए गहलोत-पायलट एकजुट
कांग्रेस ने सूची जारी करने से पहले ही गहलोत-पायलट का पेचअप कराकर साफ कर दिया था कि टिकट वितरण में जूतम-पैजार नहीं होने देंगे। इसके लिए दोनों ने पुराने झगड़े-विवाद भूलकर समर्थकों का सपोर्ट करने पर सहमति दी थी। यही कारण है कि पहली सूची में दोनों के समर्थकों के नाम शामिल हैं।
अब यह भी साफ हो गया है कि जिन कांगे्रस विधायक और मंत्रियों पर पार्टी गाइड लाइन से हटने और अनुशासनात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगा उन्हें भी टिकट का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि तीन मंत्रियों के नाम पर सोनिया-राहुल ने ऐतराज जताया था, लेकिन पायलट चुप रहे। पार्टी सूत्र बताते हैं कि इनके टिकट भी क्लियर हो जाएंगे।

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