नाबालिग से ज्यादति के आरोपी को 20 वर्ष का कठोर कारावास

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बारां 21 अक्टूबर। न्यायालय विशिष्ठ न्यायाधीश लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 तथा बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम के विशेष न्यायाधीश हनुमान प्रसाद ने नाबालिग से ज्यादति के 3 साल पुराने मामले का निस्तारण करते हुए शनिवार को आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास एवं 40 हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

विशिष्ट लोक अभियोजक पोक्सो घांसीलाल वर्मा ने बताया कि 26 सितम्बर 2021 को एक व्यक्ति ने अपनी 15 वर्षीय पुत्री के साथ बारां सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उल्लेख किया गया था कि वह गांव में खेती का कार्य करता है। उसके 6 लड़कियां व एक लड़का है। जिनमें से 3 लड़कियों की शादी कर दी है। सबसे छोटी पुत्री कक्षा 10वीं में पढ़ती है। जो 25 सितम्बर 2021 की रात्रि को करीब डेढ़ बजे घर से बिना बताए शोच करने गई थी। इस दौरान फरियादी की नींद खुली तो पुत्री घर पर नहीं थी। जिसे वह बाहर ढूंढने गया। तब वह माथना से बारां की ओर आती हुई मिली। घर लाने पर उसने बताया कि वापस आते वक्त उसे आरोपी राज मीणा ने पकड़ लिया था और उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने यह भी बताया कि आरोपी लगभग 5 माह पहले से ही उससे फोन पर बातचीत करता था। इसके लिए उसने पीड़िता को एक मोबाइल भी दे रखा था।

इस पर पुलिस ने आरोपी राजेश कुमार मीणा उर्फ राज मीणा 27 वर्ष पुत्र छीतरलाल मीणा निवासी नारेड़ा पुलिस थाना सरूंड तहसील कोटपुतली जिला जयपुर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया। आरोप प्रमाणित पाए जाने पर पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया। जहां जिला न्यायाधीश हनुमान प्रसाद ने आरोप सिद्ध होने पर अभियुक्त राजेश कुमार मीणा उर्फ राज मीणा को धारा 376(3) भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 20 हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

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