-11-12 परसेंट मुस्लिम वोटर्स, लेकिन बीजेपी एक-दो टिकट ही देने की कर रही तैयारी
-आधा दर्जन से अधिक टिकट मांग रहे मुस्लिम भाजपा प्रत्याशी, लेकिन नहीं मिल रहा रेस्पोंस
जयपुर, 19 अक्टूबर : प्रदेश में मुस्लिम वोटर्स करीब 11-12 परसेंट हैं, लेकिन जब चुनावी टिकट की बारी आती है, तो कांग्रेस ही इनको कुछ हद तक संतुष्ट कर पाती है। बीजेपी की बात करें तो वह इस विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट देने में हिचक रही है। जबकि पार्टी का अल्पसंख्यक मोर्चा करीब आधा दर्जन सीटों की मांग कर रहा है, लेकिन बताया जा रहा है कि बीजेपी एक-दो ही मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट देने को तैयार नजर आ रही है। यानि बीजेपी एक बार फिर हिंदूत्व के सहारे ही सत्ता तक का सफर तय करने की कवायद में जुटी हुई है। हालांकि पार्टी सर्वे में भी बीजेपी को अपने मुस्लिम प्रत्याशी एक-दो ही सीट पर जीतते नजर आ रहे हैं। इसको लेकर बीजेपी मुस्लिम नेता काफी हैरान-परेशान हैं और कुछ ने अब टिकट के लिए दिल्ली में डेरा डाल लिया है।
राजस्थान में मुस्लिम वोटर्स की बात करें तो यह दो से ढ़ाई दर्जन सीटों पर प्रत्याशी की हार-जीत तय करने में निर्णायक भूमिका में हैं। हालांकि इनके वोटर्स प्रदेश की सभी सीटों पर हैं, लेकिन कई जगह तो यह 16-17 परसेंट तक हैं, लेकिन बीजेपी फिर भी इनको लेकर गंभीर नहीं हैं। पार्टी की बात करें तो यहां से करीब आधा दर्जन मुस्लिम प्रत्याशी टिकट मांग रहे हैं और इसके लिए जयपुर से लेकर दिल्ली तक नेताओं से मुलाकात भी की, लेकिन अभी तक उन्हें कहीं से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। यानि इस बार भी बीजेपी एक बार फिर हिंदू प्रत्याशियों के बल पर ही सत्ता तक का सफर तय करने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है। पार्टी सूत्रों की माने तो पार्टी एक-दो मुस्लिम प्रत्याशी को अवश्य चुनावी मैदान में उतारेगी। इससे मुस्लिम बीजेपी नेता भी भलीभांति समझ चुके हैं और इसी के चलते अब वह दिल्ली में डेरा डालकर अपनी टिकट के लिए लामबंदी कर रहे हैं।
जिलों में मुस्लिम वोटर्स की स्थिति
चूरू जिले में 12 परसेंट, बीकानेर में 11, झुंझुनूं में 11, अलवर 15, भरतपुर में 15, सवाई माधोपुर 12, जयपुर में 11, सीकर 13, नागौर में 14, जोधपुर 12, जैसलमेर 25, बाड़मेर 13, पाली 7, अजमेर 13, टोंक 11, कोटा 12, बारां में 7, चित्तौडग़ढ़ 7, पाली 7, करौली 7, धौलपुर 7, हनुमानगढ़ जिले में 7 परसेंट के करीब वोटर्स हैं। यानि यह निर्णायक स्थिति में हैं, लेकिन बीजेपी इससे शायद इत्तेफाक नहीं रखती है।
कांग्रेस के 15 तो भाजपा ने एक मुस्लिम को दिया टिकट
2018 में कांग्रेस ने 15 तो भाजपा ने एक मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दिया था। इनमें से कांग्रेस के 8 व एक बसपा का प्रत्याशी जो बाद में कांग्रेस में आ गया तो 9 विधायक चुनाव जीते। बीजेपी एक जिस मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव लगाया वह भी हार गया। 1998 में सर्वाधिक 13 मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव जीते थे। 2013 में मुस्लिम बहुल 25 सीटों में से सिर्फ 2 पर मुस्लिम उम्मीदवार जीते। इनमें भाजपा के टिकट पर डीडवाना से यूनुस खान और नागौर से हबीबुर रहमान विधायक चुने गए हैं। भाजपा के दो मुस्लिम प्रत्याशी हार भी गए। 2013 में सीएम वसुंधरा राजे समेत 6 महिलाएं मुस्लिम बहुल सीटों से जीती हैं, सभी भाजपा से हैं। 2008 में मुस्लिम बहुल 25 सीटों में से 7 पर मुस्लिम उम्मीदवार जीते थे। इस बार भी वसुंधरा समेत 6 महिलाएं मुस्लिम प्रभाव वाली सीटों से जीतकर सदन पहुंची थीं।
प्रदेश की 25 सीटों पर निर्णायक तो 12 सीटों पर दूसरा नंबर
2008 के परिसीमन के बाद 200 में से 25 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम निर्णायक भूमिका में हैं। 13 सीटों पर तो मुस्लिम वोटर सबसे ज्यादा हैं। 12 सीटों पर वे दूसरे नंबर पर हैं। बावजूद इसके टिकट की बात आती है, तो इनकी उपेक्षा सभी पार्टियों में की जाती है। 1952 से अभी तक प्रदेश में एक मुख्यमंत्री बरकतुल्ला खां सहित अब तक करीब 90 मुसलमान विधायक चुने जा चुके हैं, जिनमें सबसे ज्यादा संख्या कांग्रेस के विधायकों की है।