जैसलमेर । जैसलमेर जिले की फतेहगढ़ तहसील में रिनवेबल एनर्जी कंपनियों द्वारा लगातार जलाए जा रहे खेजड़ी सहित अन्य प्रजातियों के पेड़ों के अलावा ओरण भूमि से निकल रही विद्युत लाईनों से टकराकर लगातार मर रहे दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों बढ़ती घटनाओं को देखते हुवे की जा रही ओरण बचाने के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे है। इसी के अन्तर्गत श्री देगराय मन्दिर के पवित्र ओरण की दो दिवसीय परिक्रमा व आरती का आयोजन मंगलवार व बुधवार रात को सम्पन्न हुआ।
इस परिक्रमा के तहत जैसलमेर, जोधपुर व बाड़मेर जिलों से पधारे सैंकड़ों भक्तों व पर्यावरण प्रेमियों ने भाग लिया।
पर्यावरण प्रेमी व ओरण बचाओ आंदोलन के सक्रीय सदस्य सुमेर सिंह सांवता ने बताया कि मंगलवार को सवेरे श्री देगराय मन्दिर से विशेष आरती के बाद परिक्रमा का प्रारम्भ हुआ, जिसमें भजन करती मंडली, देवी के ध्वजों को लेकर जयकारे लगाते महिला व पुरुष, भक्ति के साथ पर्यावरण संरक्षण का सन्देश भी दे रहे थे। कुल 60 कि.मी. लम्बी इस परिक्रमा के दौरान 17 अक्टूबर 2022 को इसी ओरण में बिजली तारों से टकराकर मरी गोडावण को श्री देगराय मन्दिर के पास गोडावण स्मारक पर श्रृद्धांजलि दी गयी।
उन्होंने बताया कि रासला गाँव में पिछले 4 वर्षों से श्री देगराय ओरण को बचाने की मुहिम में अग्रणी रहे युवा स्व. देवीसिंह भाटी रासला जी को परिक्रमा में शामिल सभी लोगो ने श्रृद्धासुमन अर्पित किये। इसके साथ पूरे भारत में साईकिल पर 377 दिनों से 22,000 कि.मी. यात्रा कर पर्यावरण संरक्षण का सन्देश देते हुए जैसलमेर पहुँचे ईटावा उत्तर प्रदेश के रॉबिन सिंह परिहार ने अपने पर्यावरण संरक्षण के पूरे भारत से प्राप्त अनुभव व स्वच्छता की बातें सभी से साझा की। शाम को परिक्रमा के रात्रि पड़ाव स्थल पर ओरण में पर्यावरण यज्ञ व ओरण आरती का भव्य आयोजन जैसलमेर के युवा ब्राह्मणों द्वारा किया गया। दूसरे दिन ओरण परिक्रमा का नया रासला गाँव में स्वागत व देर शाम इस ओरण यात्रा का श्री देगराय मन्दिर में समापन हुआ। ओरण टीम, वह आयोजक श्री देगराय ओरण विकास संस्थान रासला द्वारा हजारों भक्तों का आभार व्यक्त किया।