जयपुर, 18 अक्टूबर। पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर प्रथम ने चार साल की मासूम से लैंगिक प्रताडना करने वाले अभियुक्त पप्पू लाल रैगर को बीस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर तीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि चार साल की पीडित बालिका ने स्वयं के साथ हुई घटना को स्पष्ट रूप से अदालत को बताया है। वहीं कोई भी व्यक्ति चार साल की बालिका के साथ यौन हिंसा होने को आधार बनाकर एक मासूम की गरिमा और प्रतिष्ठा को दांव पर नहीं लगाना चाहेगा। यौन हिंसा के मामले में रिपोर्ट लिखाने का निर्णय लेना बहुत कठिन काम होता है। अभियुक्त ने पीडिता के साथ यौन हिंसा कर उसकी गरिमा को आहत करने के अपराध को अंजाम दिया है। ऐसे में उसके प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि 12 अगस्त, 2022 को पीडिता के पिता ने मालवीय नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि वह और उसकी पत्नी सिलाई का काम करते हैं। दोपहर को वह दोनों सिलाई का काम कर रहे थे। इतने में बाथरूम गई उनकी चार साल की बेटी की चिल्लाने की आवाज आई। जब उसकी पत्नी तहखाने से भागकर ऊपर गई तो वहां एक व्यक्ति नग्नावस्था में पीडिता को लेकर खडा था और पत्नी को देखकर भाग गया। इस पर उनके मकान मालिक ने घर में लगे सीसीटीवी देखे तो पता चला कि अभियुक्त ने पीडिता के साथ लैंगिक हिंसा की थी। वहीं फुटेज देखकर आसपास के लोगों ने अभियुक्त की शिनाख्त की। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया।